Prabhat Khabar Special: परिजनों ने घर से निकाला, समूह से जुड़ी और आज हजारीबाग की जयंती बनी लखपति किसान
हजारीबाग के कुठान गांव निवासी जयंती कुमारी आज लखपति किसान है. आज लाखों की कमाई हो रही है. उनमें यह बदलाव JSLPS के तहत संचालित सखी मंडल से जुड़कर हुआ. पहले आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन अब अपने लिए खुद स्कूटी खरीदी. बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रही है.
By Samir Ranjan | November 3, 2022 10:35 PM
Prabhat Khabar Special: हजारीबाग जिला अंतर्गत केरेडारी प्रखंड स्थित कुठान गांव की रहने वाली जयंती कुमारी आज एक सफल किसान है. लाखों की कमाई कर रही है, लेकिन पहले ऐसे स्थिति नहीं थी. कभी परिवार वालों ने घर से निकाल दिया था, लेकिन जयंती ने JSLPS के अंतर्गत संचालित सखी मंडल की समूह से जुड़कर कड़ी मेहनत की और आज लखपति किसान की श्रेणी में आ गयी है. स्वयं सहायता समूह की मदद से जयंती अपनी आजीविका बखूबी आगे बढ़ा रही है, वहीं अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के गुर भी सीखा रही है.
पहले जयंती की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी
जयंती की स्थिति पहले ऐसे नहीं थी. समूह से जुड़ने से पहले जयंती की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं थी. पति की तबीयत अचानक खराब होने पर परिवार की सारी जिम्मेदारी जयंती पर आ गयी. किसी तरह वह खेती-बाड़ी कर घर चला रही थी. पर, वह पर्याप्त नहीं था. पति के इलाज और बच्चों की पढ़ाई का खर्च संभालना मुश्किल हो गया था.
12 महिलाओं के साथ जयंती महिला समूह से जुड़ी
जयंती एक निश्चित आजीविका से जुड़ना चाहती थी. इसी क्रम में अपने गांव में आये सीआरपी ड्राइव द्वारा उन्हें सखी मंडल के बारे में पता चला. इसके बाद जयंती ने खुद 12 महिलाओं के साथ अपना समूह बनाया. इस ‘जयंती महिला समूह’ बनाया. इस समूह ने लेन- देन और बचत की शुरुआत की और समूह में बुक कीपर का काम करने लगी. समय के साथ जयंती देवी अपने समूह के जरिये मास्टर बुक कीपर, विलेज आर्गेनाईजेशन अकाउंटेंट (VOAव), जीपीडीपी कैडर और डीजी-पे सखी का भी कार्य करने लगी.
जयंती बनी लखपति किसान
समूह से जयंती ने अब तक पांच लाख रुपये का ऋण लिया है, जिससे खेती, पशुपालन, पॉली हाउस नर्सरी आदि का ट्रेनिंग ली. इसके बाद खेती-बारी समेत पशुपालन कर लाखों की आमदनी कर रही है. इसके अलावा जयंती को JSLPS कैडर के रूप में काम कर करीब 10,000 रुपये की कमाई होती है. वह आज खुद को एक लखपति किसान के रूप में देख रही है.
अच्छी आमदनी होने पर खुद के लिए खरीदी स्कूटी
जयंती कहती हैं कि आज मैं बहुत खुश हूं. अपनी मेहनत और समूह की मदद से खुद को आत्मनिर्भर मानती हूं. आमदनी अच्छी होने पर खुद के लिए एक स्कूटी खरीदी है. अब अपने बच्चों को हजारीबाग स्थित प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रही है. साथ ही साथ अब अपने पति को भी उनके कारोबार में आर्थिक रूप से सहयोग कर रही है.