Ranchi News : शक्ति, सौंदर्य और संतुलन का संगम है योग

हमारे देश में जिस महिला पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती है, वही अक्सर अपनी सेहत को सबसे कम प्राथमिकता देती है. अब समय बदल रहा है.

By MUNNA KUMAR SINGH | June 18, 2025 1:12 AM
an image

महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी, लेकिन अपनी सेहत को प्राथमिकता देना अब भी चुनौती

ग्रामीण महिलाओं में हाइजीन की समस्या, शहरी महिलाओं में थायरॉइड, पीसीओडी, ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा

तितली आसन, भ्रामरी, सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, वृक्षासन और योगनिद्रा बेहद असरदार

कई केस स्टडी से साबित, पीसीओडी और मोटापा रोकने में योग फायदेमंद

योग प्रशिक्षक की सलाह, महिलाओं की सेहत का सस्ता और असरदार उपाय है योग

उम्र के तीनों पड़ाव में एक समाधान है सिर्फ 30 मिनट का योगाभ्यास

बदलती जीवनशैली में शहरी और ग्रामीण युवतियों और महिलाओं के लिए योग जरूरी

रांची. हमारे देश में जिस महिला पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती है, वही अक्सर अपनी सेहत को सबसे कम प्राथमिकता देती है. अब समय बदल रहा है. बदलती जीवनशैली और बढ़ती जागरूकता ने महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग किया है. सोशल मीडिया से भी कुछ हद तक जागरूकता बढ़ी है, लेकिन इन सबके बीच योग ऐसा माध्यम है, जो बिना खर्च के स्वास्थ्य सुरक्षा देता है. योग न केवल मेडिकल खर्च कम करता है, बल्कि दवाओं के साइड इफेक्ट से भी बचाता है. आज के पाश्चात्य प्रभाव वाले जीवन में योग महिलाओं को बचपन, किशोरावस्था और मातृत्व के तीनों पड़ावों में सुरक्षा प्रदान करता है. योग से महिलाओं को शारीरिक शक्ति, मानसिक संतुलन और आंतरिक सुंदरता का अद्भुत संगम प्राप्त होता है. प्रस्तुत है पूजा सिंह की विशेष रिपोर्ट…रांची. योग प्रशिक्षक सह शोधार्थी अनिता कुमारी बताती हैं कि ग्रामीण महिलाओं को सबसे अधिक हाइजीन संबंधी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं, जिससे मासिक धर्म और सर्वाइकल कैंसर की आशंका बढ़ जाती है. वहीं, शहरी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर, थायरॉइड, पीसीओडी जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं. इसका कारण बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और भारतीय यौगिक जीवन से दूरी है. हमारी जननी तीन आयुवर्ग में है. पहला बचपना, दूसरा किशोरावस्था और तीसरा गर्भधारण की अवस्था. उम्र के इन तीनों पड़ाव में उनको स्वास्थ्य की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यदि हम बचपन से ही महर्षि पतंजलि के यौगिक नियम-धर्म को अपना लें और 15 से 30 मिनट का यौगिक अभ्यास कर लें तो स्वस्थ रह सकती हैं. आज की महिलाएं न सिर्फ घर की देखभाल कर रही हैं, बल्कि ऑफिस, सामाजिक जिम्मेदारियां, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की सेवा भी उन्हीं के कंधों पर है. इसके साथ वह खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रही. ऐसे में उसका सबसे बड़ा सहारा बनता है योग, जो उसे शरीर से शक्ति देता है. चेहरे पर आत्मविश्वास और सौंदर्य लाता है. मन में संतुलन और स्थिरता भरता है.

तकनीक ने घटाया परिश्रम, बढ़ायी बीमारियां

ग्रामीण और शहरी महिलाओं की अलग चुनौतियां

तीन आयुवर्ग में अलग-अलग समस्याएं

गृहस्थ जीवन : इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या से बढ़ती है परेशानी.

कम उम्र में पीसीओडी बड़ी समस्या

10 मिनट का आसन जो बनायेगा निरोगी

कामकाजी महिला : सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, तितली आसन, वृक्षासन, योगनिद्रा, मलासन, अर्ध हलासन, शीर्षासनघरेलू महिला : मलासन, सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य नमस्कार, तितली आसन, वृक्षासन, योगनिद्रा

ये आसन महिलाओं के लिए वरदान

तितली आसन :

भ्रामरी :

यह ध्यान और मानसिक शांति के लिए सर्वोत्तम है. इसके लिए आंखें बंद करके गहरी सांस लें और छोड़ते समय ‘म्मम’ की ध्वनि निकालें. इससे तनाव, सिरदर्द और अनिद्रा से राहत मिलती है.

त्रिकोणासन :

यह आसन कमर, कमर के आसपास की चर्बी और पेट को टोन करता है. कामकाजी महिलाएं जिनको बैठने से दिक्कत हो और दर्द का अनुभव होता है इसमें लाभ पहुंचाता है. इसे करने के लिए दोनों पैरों को फैलाकर खड़े हों, एक हाथ नीचे पैर की ओर झुकाएं और दूसरा ऊपर आकाश की ओर. संतुलन बनाकर अवश्य रखें.

वृक्षासन :

यह शरीर को संतुलित बनाने में सहायक होता है. वहीं, आंतरिक आत्मबल काे बढ़ाता है. इसको करने के लिए एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को जांघ पर रखें और हाथों को प्रार्थना मुद्रा में सिर के ऊपर जोड़ें.

शवासन :

योगनिद्रा :

इसे ध्यान की उन्नत अवस्था कहा जाता है. इसको करन से शरीर तो विश्राम में होता ही है, लेकिन चेतना जागरूक रहती है. प्रतिदिन 15-20 मिनट का योगनिद्रा आपको अनिद्रा, तनाव और हार्मोनल असंतुलन में लाभ पहुंचायेगा.

मलासन :

अर्ध हलासन :

यह आसन थायरॉइड, मोटापा और मासिक धर्म की अनियमितता में राहत देता है. इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को एक साथ ऊपर उठाएं. 45 डिग्री पर पैरों को रोके. यह आसन पेट की चर्बी घटाने और पेल्विक एरिया को सक्रिय करने में मदद करता है.

शीर्षासन :

सर्वांगासन :

यह थायरॉइड, अनिद्रा और हार्मोन असंतुलन में बेहद प्रभावी है. इसको करने के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों और शरीर को ऊपर उठाएं, कमर को हाथों से सहारा दें. यह पूरे शरीर की गतिविधि को संतुलित करता है. महिलाओं के लिए यह ””””सर्व अंग”””” यानी सभी अंगों का आसन कहा जाता है.

छह माह के योगाभ्यास से दूर हुई परेशानी

राजधानी के एक प्रतिष्ठित स्कूल की आठवीं की छात्रा पीसीओडी की समस्या से पीड़ित थी. डॉक्टरों ने मोटापा और पैक्ड फूड ज्यादा लेना इस समस्या का कारण बताया. इसके बाद परिजनों ने योग से जोड़ा. छह महीने तक योग के नियमित अभ्यास से किशोरी का वजन भी काफी कम हुआ और पीसीओडी से होने वाली दिक्कतों में भी राहत मिला.

महिलाओं ने साझा किया अनुभव

प्रीति बनर्जी गृहिणी हैं. वह बताती हैं कि गृहिणी होने के कारण खुद के लिए समय निकालना कठिन है. इसलिए ऑनलाइन योग का माध्यम चुने. इससे स्वास्थ्य ठीक रहने लगा. हम ठीक रहेंगे तब ही परिवार के सदस्यों को संभाल पायेंगे.

सुधा वर्मा 80 साल की हैं, जो 15 वर्षों से योग कर रही हैं. सप्ताह में चार से पांच दिन योग करती हैं. वह बताती हैं कि योग से कई बीमारियों से राहत मिली. योग से मानसिक शांति के साथ साथ पैरों के दर्द में राहत मिला. योग के बहुत सारे फायदें हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर

संबंधित खबर और खबरें

Latest Ranchi News in Hindi : रांची के स्थानीय समाचार, इवेंट, राजनीति, एजुकेशन, मौसम, बिजनेस, रेलवे, प्रशासनिक खबरों की ताजा अपडेट के लिए प्रभात खबर से जुड़े रहें। यहां निष्पक्ष समाचार, लाइव रिपोर्टिंग, ग्राउंड रिपोर्ट, फैक्ट चेक के साथ खबरों की विश्वनीयता सुनिश्चित की जाती है। यहां पर प्रभात खबर के 100 से अधिक रिपोर्टर्स, संवाद सूत्र, एक्सपर्ट्स और विषय विशेषज्ञ की खोजपरक रिपोर्टिंग, लेख, फीचर, टिप्पणी भी आपको रियल टाइम में और मुफ़्त मिलती है।
रांची की चुनी हुई और महत्वपूर्ण खबरें भी पढ़ें । रांची मौसम: आज का सटीक और विस्तृत मौसम पूर्वानुमान ( मौसम ) यहां देखें।

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version