Home Badi Khabar पीवीटीजी पाठशाला: कोरोना में झारखंड के आदिम जनजाति समुदाय के 3000 बच्चे कैसे कर रहे पढ़ाई

पीवीटीजी पाठशाला: कोरोना में झारखंड के आदिम जनजाति समुदाय के 3000 बच्चे कैसे कर रहे पढ़ाई

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पीवीटीजी पाठशाला: कोरोना में झारखंड के आदिम जनजाति समुदाय के 3000 बच्चे कैसे कर रहे पढ़ाई

Jharkhand News: झारखंड में विशिष्टतः असुरक्षित जनजातीय समूह ( पीवीटीजी) के बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने में उड़ान परियोजना के तहत ‘पीवीटीजी पाठशाला‘ सकारात्मक बदलाव ला रही है. परियोजना का उद्देश्य सुदूर गांवों, जंगलों एवं कठिन भौगोलिक परिस्थितयों में रहनेवाले विशिष्टतः असुरक्षित जनजातीय समूह के बच्चों को ‘पीवीटीजी पाठशाला’ के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाना है. इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखण्ड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की पहल रंग दिखाने लगी है. इसके जरिए बच्चों को स्कूल में दाखिला कराने, उनमें बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने तथा पढ़ने-लिखने की आदत और रुचि पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है.

झारखंड में लगभग 73 हजार पीवीटीजी परिवार रहते हैं. इन समूहों की अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान है. यह समूह आजीविका के लिए भी पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर है. पीवीटीजी परिवार के बच्चों को शिक्षा से आच्छादित करने के उद्देश्य से उड़ान परियोजना के तहत राज्य के पाकुड़, दुमका, देवघर, गोड्डा, गढ़वा, लातेहार, पलामू, गुमला, सरायकेला और पूर्वी सिंहभूम में 140 पीवीटीजी पाठशाला का संचालन ग्राम स्तर पर किया जा रहा है. इनमें करीब 3000 विशिष्टतः असुरक्षित जनजातीय समूह के बच्चे पढ़ रहे हैं.

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पीवीटीजी पाठशाला में पढ़ाने का कार्य पीवीटीजी चेंजमेकर्स करते हैं. ये चेंजमेकर भी पीवीटीजी समुदाय से ही होते हैं. इनका चयन गांव में मौजूद पीवीटीजी समूह के बीच से ही किया जाता है, ताकि बच्चों को पढ़ने में सहूलियत हो. ये चेंजमेकर्स नौनिहालों के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम पाठशाला का आयोजन कर उन्हें बुनियादी शिक्षा प्रदान करते हैं. ऐसे में महामारी के इस कठिन दौर में पीवीटीजी पाठशाला मील का पत्थर साबित हो रही है. इससे न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि फिर से जाग रही है, बल्कि अब अभिभावक भी शिक्षा के महत्व और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर जागरूक हुए हैं.

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पढ़ाई में सुविधा और बच्चों की रुचि बनाए रखने के लिए पीवीटीजी पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों के बीच पाठशाला किट के माध्यम से कुछ बुनियादी शिक्षण सामग्री का भी वितरण किया जाता है, जो इन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर रहा है. पीवीटीजी पाठशाला में नियमित रूप से अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया जाता है. इससे उन्हें भी अपने बच्चों की क्षमता और रुचियों की जानकारी मिल पाती है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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