Ranchi News: भारत-पाकिस्तान में जारी युद्ध के माहौल के बीच झारखंड की राजधानी रांची में एक दुकान का पता चला है, जिसमें भारतीय लड़ाकू सेना की वर्दी तैयार हो रही है. लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली विशेष जानकारी के आधार पर झारखंड एटीएस (आतंक रोधी दस्ता) और एमआई ने शुक्रवार 9 मई को रांची में संयुक्त तलाशी ली. तलाशी के दौरान दीपाटोली कैंट के सामने बूटी मोड़ के पास एक दुकान से भारतीय सेना की लड़ाकू वर्दी और कपड़े बरामद हुए हैं.
बिना अनुमति बनायी जा रहीं लड़ाकू सेना की वर्दी
बताया जा रहा है कि बिना अनुमति के ये वर्दियां बनायीं जा रहीं थीं. इस दुकान से लोगों को ये कपड़े बेचे भी जा रहे थे. इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गयी है. भारत-पाकिस्तान सीमा पर चल रहे तनाव के कारण अलर्ट की स्थिति को देखते हुए, ऐसी नकली वर्दी का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी तत्व कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.
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वर्दी बनाने के उद्देश्य की जांच कर रही एजेंसी
अभी कपड़े और बनी हुई वर्दियों को जब्त कर लिया गया है. आर्मी की वर्दी बनाने का क्या उद्देश्य था किन लोगों को ये वर्दियां बेची जातीं हैं, इसका पता लगाने में एटीएस जुटी है. जांच एजेंसियां सभी संभावित कोणों से मामले की जांच कर रही है. इस सिलसिले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
खुले बाजार में आर्मी कॉम्बैट यूनिफॉर्म की बिक्री पर है रोक
वर्ष 2022 में सेना दिवस पर 15 जनवरी को सेना के लिए डिजाइन की गयी नयी आर्मी कॉम्बैट यूनिफॉर्म लांच की गयी थी. रक्षा विभाग और सेना ने कहा था कि इस यूनिफॉर्म के कपड़े खुले बाजार में नहीं बिकेंगे. जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और अन्य रैंक के लिए नयी सिली हुई वर्दी मास्टर जनरल सस्टेनेंस (MGS) के ब्रांच के माध्यम से ही खरीदी जायेगी. सैनिकों को आर्मी ऑर्डिनेंनस कॉर्प्स (Army Ordnance Corps) के यूनिट्स से वर्दी दी जायेगी.
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