रांची. सीआइडी मुख्यालय ने राज्य में एक जनवरी 2020 से 31 मई 2025 तक हुई अफीम की खेती की रिपोर्ट मांगी है. इसके लिए राज्य के सभी जिलों के एसपी से पत्राचार किया गया है. बताया गया कि आगामी दो जुलाई को गृह सचिव की अध्यक्षता में राज्य में विधि-व्यवस्था से संबंधित विभिन्न मामलों की समीक्षा बैठक होने वाली है. इस दौरान अफीम की अवैध खेती को लेकर दर्ज केस की समीक्षा की जायेगी. डीजीपी को भी बैठक में शामिल होना है. इसलिए अफीम की अवैध खेती की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये. रिपोर्ट भेजने के लिए सभी जिलों के एसपी को एक फॉर्मेट भी उपलब्ध कराया गया है, जिसमें केस दर्ज होने की तिथि, किन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, केस की संक्षिप्त विवरणी, केस के अनुसंधान की वर्तमान स्थिति, केस लंबित रहने का कारण और आरोपी के बारे में पूरी जानकारी तथा कुल निष्पादित केस की रिपोर्ट मांगी गयी है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार राज्य के आठ जिलों में मुख्य रूप से अफीम की खेती होती है. इसमें चतरा, खूंटी, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला और हजारीबाग जिला शामिल है. इन जिलों में वर्ष 2021-22 में 2871.02 एकड़ में अफीम की खेती हुई थी, जिसे पुलिस ने नष्ट किया था. जबकि वर्ष 2022-23 में 5494.1 एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया गया था. 2023-24 में उक्त जिलों में 4853.995 एकड़ जमीन में लगी अफीम की अवैध फसल को नष्ट किया गया था. वहीं दूसरी ओर वर्ष 2024-25 में 27 हजार एकड़ में लगी अफीम की अवैध खेती को नष्ट करने का काम पुलिस ने किया था. इस तरह आंकड़ों से स्पष्ट है कि अफीम की खेती का क्षेत्रफल वर्षवार बढ़ा है, लेकिन इसी अनुपात में पुलिस की कार्रवाई भी बढ़ी है.
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