सुनील चौधरी, रांची : कोयले पर बाजार दर से रॉयल्टी लेने के फैसले और खनिजों पर सेस की दर बढ़ाने से खान विभाग का राजस्व भी बढ़ा है. मई माह तक खान विभाग ने 2645.58 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की है. जबकि पिछले वर्ष मई माह तक राजस्व की राशि 1622.38 करोड़ रुपये ही थी. इस वर्ष 1023 करोड़ रुपये अधिक राजस्व की वसूली की गयी है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने एक अप्रैल से खनिजों के रॉयल्टी व सेस में बड़ा बदलाव किया है. जहां कोयले पर रॉयल्टी की दर में बदलाव हुआ है, वहीं सेस की दर भी बढ़ी है. राज्य सरकार एक अप्रैल से कोयले पर बाजार दर के अनुसार ही रॉयल्टी वसूल रही है. पावर प्लांट हो या बाजार में बेचा जानेवाला कोयला, सब पर एक समान बाजार दर पर ही रॉयल्टी ली जा रही है. कोल इंडिया की कंपनियों द्वारा 85 प्रतिशत कोयला पावर प्लांटों को बेचा जाता है. जिसकी दर सब्सिडाइज होने के कारण पूर्व में सरकार उसी दर पर 14 प्रतिशत रॉयल्टी लेती थी. पर अब सरकार ने तय कर दिया है कि बाजार में जो दर होगा, उसी दर पर 14 प्रतिशत रॉयल्टी का निर्धारण होगा. वहीं सरकार ने झारखंड खनिज आधारित उपकर अधिनियम में संशोधन कर दिया है. इसके तहत अब कोल बीयरिंग एक्ट के तहत डिस्पैच होने वाले कोयले पर 100 रुपये मीट्रिक टन की जगह 250 रुपये तथा आयरन ओर पर 100 रुपये की जगह 400 रुपये प्रति मीट्रिक टन का सेस लगेगा. इसके अलावा अन्य खनिजों पर भी सेस में वृद्धि की गयी है. बॉक्साइट धारित भूमि पर 70 रुपये की जगह 100 रुपये तथा लाइम स्टोन धारित भूमि पर 50 रुपये की जगह 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से सेस लिया जा रहा है. खान विभाग ने मई माह तक कोयले से 997.23 करोड़ रुपये राजस्व की वसूली की है, जबकि खनिजों पर सेस से 1086.14 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. लौह अयस्क से 370.88 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. शेष राशि अन्य खनिजों से राजस्व के रूप में वसूली गयी है.
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