परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एमजीएम अस्मताल जमशेदपुर से चार दिन के बिरहोर बच्चे को इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया था. लेकिन यहां इलाज शुरू होने से पहले ही बच्चे की मौत हो गयी. इस मामले में परिजनों का आरोप है कि इलाज शुरू करने में लापरवाही बरती गयी.
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रिम्स प्रबंधन ने दी सफाई
हालांकि, रिम्स प्रबंधन ने अपनी सफाई में कहा था कि एमजीएम के डॉक्टरों ने बच्चे को जल्दी रिम्स पहुंचाने को कहा था. लेकिन 108 एंबुलेंस रास्ते में रुकते हुए रिम्स पहुंची. इसके बाद ड्राइवर भर्ती कागज बनाये बिना ही बच्चे को शिशु विभाग के इमरजेंसी ले गया. वहीं, बिना ऑक्सीजन के चौथे तल पर भी पहुंचा दिया. शिशु इमरजेंसी पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्चे की जांच शुरू की, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया.
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स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से लिया मामला
इधर, स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया था. विभाग संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ला ने रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. मामले पर संयुक्त सचिव ललित मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग आदिवासी हितों के प्रति सदैव सजग है. ऐसे समुदायों के साथ किसी भी प्रकार की उपेक्षा सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसे में लापरवाही की हर स्तर पर जांच की जाये. साथ ही उसकी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाये.
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