मशीन की डिलीवरी में हो रही देरी
बता दें कि इस प्रक्रिया के तहत एक कंपनी को मशीन का ऑर्डर दिया गया है. लेकिन अब खरीदारी से संबंधित तरह-तरह के कागजात ट्रेजरी द्वारा मांगे जा रहे हैं. रिम्स ट्रेजरी के प्रश्नों और उससे जुड़े दस्तावेज को उपलब्ध करा रहा है. ऐसे में कंपनी के बैंक खाते में पैसा नहीं जाने के कारण मशीन की डिलीवरी नहीं हो पा रही है.
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हेल्थ मैप भी नहीं कर रहा जांच
वहीं, रिम्स परिसर में सरकार की अधिकृत एजेंसी हेल्थ मैप भी मरीजों की जांच नहीं कर रही है. जानकारी के अनुसार, एजेंसी का काफी पैसा रिम्स के पास फंसा है, जिसकी ऑडिट जांच होनी है. ऐसे में हेल्थ मैप भी सरकार की योजना से जुड़े मरीजों को निःशुल्क जांच नहीं कर रहा है.
2021 से खराब है MRI मशीन
मालूम हो कि रिम्स की एमआरआई मशीन 2021 से खराब है, जिससे मरीजों की जांच बंद है. कुछ दिनों तक हेल्थ मैप में जांच हो रही थी, लेकिन वह भी करीब दो साल से बंद है. सूत्रों ने बताया कि न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, हड्डी और सर्जरी ओपीडी में परामर्श लेने आये मरीजों को डॉक्टर जांच का परामर्श देते हैं, लेकिन केवल समर्थवान मरीज ही जांच करा पाते हैं.
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वार्ड में भर्ती मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी
रिम्स के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों को इससे सबसे ज्यादा परेशानी होती है. क्योंकि मरीज को रिम्स से बाहर लेकर जाना में काफी परेशानी होती है. इसके अलावा ओपीडी में आये गंभीर मरीजों को भी जांच कराने में दिक्कत होती है. हालांकि, मरीजों की सहूलियत के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ मैप को जांच शुरू करने का निर्देश दिया था. लेकिन रिम्स द्वारा पैसा नहीं देने के कारण फिलहाल जांच बंद है.
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