रांची. झारखंड हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता और राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर ए टच ऑफ द डिवाइन (दिव्यता का स्पर्श) नामक पुस्तक लिखी है. 300 पृष्ठों की इस पुस्तक में छह चैप्टर हैं, जो बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की ऐतिहासिकता, धार्मिक, सांस्कृतिक और वैधानिकता को दर्शाती है. फिलहाल पुस्तक का प्रकाशन अंतिम चरण में है. 11 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है. इसी दाैरान लेखक ने पुस्तक के लोकार्पण की योजना बनायी है. प्रस्तुत है पुस्तक के लेखक और राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन से प्रभात खबर के वरीय संवाददाता राणा प्रताप की बातचीत के प्रमुख अंश : सवाल : आप राज्य के महाधिवक्ता व वरीय अधिवक्ता हैं. आपका पेशा लीगल है. इसके बावजूद आपको बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर ही पुस्तक लिखने की प्रेरणा कैसे मिली? महाधिवक्ता : भाई की शादी के बाद पहली बार वर्ष 1999 में देवघर गये थे. बाबा का दर्शन व जलाभिषेक किया था. उस समय उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि वह पिछले जन्म में यहां रहते थे. एक-एक गली जाना पहचाना लग रहा था, जबकि वह इसके पहले कभी भी देवघर नहीं गये थे. इसके बाद से वह प्रत्येक शुक्रवार को देवघर जाते थे. बाबा पर जालभिषेक करने के बाद लाैट जाते थे. यह सिलसिला लगातार कई वर्षों तक चला. बाबा बैद्यनाथ पर लिखने की प्रेरणा तभी से मिली. सवाल : आप यह पुस्तक कब से लिख रहे हैं और कितना समय लगा? महाधिवक्ता : पिछले पांच-छह वर्षों से वह पुस्तक पर काम कर रहे हैं. गहराई में जाकर ऐतिहासिक, पाैराणिक, मंदिर से जुड़े वैधानिक साक्ष्यों का अध्ययन किया. तथ्यों का संग्रह करता रहा. केस-मुकदमों की पैरवी से कुछ समय निकाल कर पुस्तक लिखने पर एक-दो घंटे का समय देता रहा. प्रण किया कि इस ग्रीष्मावकाश में कहीं बाहर नहीं जाऊंगा, पुस्तक को पूरा करूंगा. तब जाकर पुस्तक पूरी हो पायी. सवाल : पुस्तक का लोकार्पण कब और कैसे होगा, इसकी क्या योजना है? महाधिवक्ता : बहुत जल्द पुस्तक का लोकार्पण की योजना है. 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के दाैरान ही पुस्तक का लोकार्पण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों कराने की योजना है. चूंकि मुख्यमंत्री अपने पिताजी के स्वास्थ्य को लेकर व्यस्त हैं. पहली पुस्तक उनके हाथों में भेंट करना चाहता हूं. उन्हीं से लोकार्पण कराने की भी इच्छा है. लोकापर्ण के बाद यह लोगों के बीच आ जायेगा. सवाल : पुस्तक की कुछ विशेषता भी बतायें. पुस्तक लोगों के बीच कब आयेगी? महाधिवक्ता : ए टच ऑफ द डिवाइन (दिव्यता का स्पर्श) पुस्तक में ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व वैधानिक संग्रह तो हैं ही, इसमें बड़ी संख्या में दुलर्भ चित्रों का संकलन है. दर्जनों रंगीन फोटोग्राफ्स दिये गये हैं. इसमें धार्मिक व सांस्कृतिक जानकारी के साथ-साथ बाबा मंदिर से जुड़े कोर्ट के फैसलों व ऐतिहासिक तथ्यों का भी पूरा संग्रह है. पुस्तक रोचक, ज्ञानवर्द्धक के साथ धार्मिकता से भी ओतप्रोत है. पुस्तक निबंधित भी हो गयी है. लोकापर्ण के बाद यह पुस्तक बाजार में आ जायेगी. पुस्तक का प्रकाशक प्रीतम लॉ हाउस रांची है. पुस्तक 1100 रुपये में मिलेगी. जल्द ही बाजार, सभी लाइब्रेरी और ऑनलाइन भी उपलब्ध रहेगी.
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