स्मार्ट सिटी में 15,000 फ्लैटों के निर्माण का रास्ता साफ, शुरू हुई रजिस्ट्री

रांची स्मार्ट सिटी परिसर में कुल 15,000 आवासीय इकाइयां या फ्लैटों का निर्माण किया जाना है. पहले चरण में रांची स्मार्ट सिटी की 52.19 एकड़ जमीन पर लगभग पांच हजार फ्लैटों का निर्माण प्रस्तावित है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2023 9:45 AM
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विवेक चंद्र, रांची

धुर्वा में बन रही स्मार्ट सिटी में आवासीय इस्तेमाल के लिए 15,000 फ्लैट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने नीलामी के तीसरे चरण में प्लॉट हासिल करनेवाले निवेशकों को जमीन की रजिस्ट्री शुरू कर दी है. अब तक कुल चार प्लॉट की रजिस्ट्री की जा चुकी है. मालती रेसीडेंसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को आवासीय इस्तेमाल की 5.47 एकड़ व मिक्स यूज की 1.9 एकड़ भूमि रजिस्ट्री कर दी गयी है. वहीं, बिग रियलेटर्स को आवासीय इस्तेमाल की 11 एकड़ व 7.75 एकड़ के दो प्लॉट की रजिस्ट्री की गयी है. जबकि, मनीकरण एक्सेल को पांच एकड़ आवासीय व 1.18 एकड़ मिक्स यूज के लिए चिह्नित जमीन रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया चल रही है, जो जल्द पूरी हो जायेगी.

पहले चरण में प्रस्तावित है पांच हजार फ्लैट का निर्माण : रांची स्मार्ट सिटी परिसर में कुल 15,000 आवासीय इकाइयां या फ्लैटों का निर्माण किया जाना है. पहले चरण में रांची स्मार्ट सिटी की 52.19 एकड़ जमीन पर लगभग पांच हजार फ्लैटों का निर्माण प्रस्तावित है. वहीं, दूसरे चरण में 10 हजार और फ्लैट बनाये जाने हैं. अल्प आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग, उच्च आय वर्ग और सुपर उच्च आय वर्ग (सुपर एचआइजी) के लिए दो से तीन हजार वर्गफीट तक के फ्लैटों का निर्माण किया जायेगा. जबकि, अन्य वर्ग के फ्लैट अधिकतम 1,500 वर्गफीट तक के होंगे. स्मार्ट सिटी के आवासीय प्लॉट फ्री होल्ड होंगे. यानी, बिल्डर फ्लैट खरीदारों के नाम से जमीन की रजिस्ट्री कर सकेंगे. म्यूटेशन भी खरीदारों के नाम से होगा. हालांकि, फ्लैटों की कीमत अब तक तय नहीं हुई है.

विष्णु अग्रवाल की कंपनी को जमीन रजिस्ट्री का मामला फंसा

स्मार्ट सिटी में जमीन की नीलामी के तीसरे चरण में सबसे अधिक चार प्लॉट इडी द्वारा गिरफ्तार किये गये व्यवसायी विष्णु अग्रवाल की कंपनी चेलसी रियल इस्टेट ने हासिल किये थे. चेलसी को आवासीय इस्तेमाल के लिए चिह्नित 11.57 एकड़ व 11.65 एकड़ के दो प्लॉट के अलावा मिक्स यूज के 2.16 एकड़ का भी एक प्लॉट मिला था. नीलामी के बाद चेलसी रियल इस्टेट ने निर्धारित राशि जमा करने में एक महीने का विलंब किया था. इस कारण कॉरपोरेशन ने कंपनी पर पेनाल्टी भी लगाया है. हालांकि, कंपनी ने अब तक पेनाल्टी जमा नहीं की है. विष्णु अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद कंपनी ने रजिस्ट्री कराने की दिशा में भी कोई पहल नहीं की है.

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