स्मार्ट प्रीपेड मीटर के क्या होंगे लाभ?
स्मार्ट प्रीपेड मीटर को एक्यूरेट रीडिंग के लिए जाना जाता है. उपभोक्ता जितनी बिजली खपत करना चाहते हैं, उसकी एक अनुमानित राशि पूर्व में ही री-चार्ज कराके जमा कर सकते हैं. वे जेबीवीएनएल की वेबसाइट अथवा कंज्यूमर सेल्फ केयर ऐप में जाकर लाइव खपत, लोड आदि की जानकारी ले सकते हैं. यदि उपभोक्ता कहीं बाहर जा रहे हैं, तो वह वेबसाइट पर इसकी सूचना देकर अपनी बिजली आपूर्ति बंद करा सकते हैं अथवा मेन स्विच ऑफ करके जा सकते हैं.
घाटा कम करने के लिए निगम लगा रहा Smart Meter
जेबीवीएनएल का अभी एंटीएंडसी लॉस करीब 25-30 प्रतिशत के आसपास है. इसे कम करने के लिए स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं. इस मीटर में एक डिवाइस लगा होता है, जिससे इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग जेबीवीएनएल मुख्यालय से की जाती है. मीटर की ऑनलाइन रीडिंग कर उपभोक्ता के व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर बिल की कॉपी भेज दी जा रही है. अब उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर को मीटर से जोड़ा जा रहा है. तब जेबीवीएनएल को मीटर रीडर रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे बोर्ड का खर्च घटेगा और घाटा कम होगा.
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झारखंड के किस जिले में कितने स्मार्ट मीटर लगेंगे?
- बोकारो में 106611
- चतरा में 16899
- देवघर में 87326
- धनबाद में 40393
- दुमका में 18152
- पूर्वी सिंहभूम में 195621
- गढ़वा में 89041
- गिरिडीह में 77114
- गोड्डा में 33546
- गुमला में 36899
- हजारीबाग में 93230
- जामताड़ा में 70177
- खूंटी में 15819
- कोडरमा में 48290
- लातेहार में 20561
- लोहरदगा में 14826
- पाकुड़ में 25759
- पलामू में 63558
- रामगढ़ में 72945
- रांची में 40457
- साहिबगंज में 56831
- सरायकेला में 58041
- सिमडेगा में 13336
- पश्चिमी सिंहभूम में 45874
- कुल – 13,41,306
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