रांची (प्रमुख संवाददाता). झारखंड में छह जिलों में स्मार्ट पीडीएस योजना शुरू हो गयी है. इस योजना के शुरू होने के बाद से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जैसे ही लाभुकों को अनाज मिलेगा, केंद्र सरकार तक यह सूचना पहुंच जायेगी. इससे केंद्र को पता रहेगा कि झारखंड में कितने लाभुकों को कितनी मात्रा में कब और किस दिन अनाज मिला है. केंद्र सरकार ने फरवरी माह में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत खूंटी से यह योजना शुरू की गयी थी. इसकी सफलता के बाद चतरा, गुमला, कोडरमा, लातेहार व सिमडेगा में भी अप्रैल माह से स्मार्ट पीडीएस योजना शुरू की गयी है. इस योजना के तहत 19 अप्रैल तक चतरा में 28.38 प्रतिशत, गुमला में 45.74 प्रतिशत, कोडरमा में 26.26 प्रतिशत, लातेहार में 41.64 प्रतिशत, खूंटी में 38.02 प्रतिशत व खूंटी में 65.25 प्रतिशत अनाज का वितरण किया जा चुका है. स्मार्ट पीडीएस योजना के तहत सिर्फ अनाज वितरण की ही नहीं, बल्कि एफसीआइ गोदाम से एसएफसी के गोदाम तक अनाज पहुंचाने, वहां से पीडीएस दुकानों तक अनाज ले जाने की रियल टाइम जानकारी भी केंद्र को मिलती रहेगी. इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से पीडीएस दुकानों में इ-पॉश मशीन भी उपलब्ध करायी गयी है. इसमें ऐसा सॉफ्टवेयर डाला गया है, जिससे पूरी व्यवस्था पर नजर रखी जायेगी. इससे अनाज वितरण और परिवहन में पूरी पारदर्शिता रहेगी. केंद्र की राज्यों से भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर निर्भरता कम होगी. इससे यह भी पता चल जायेगा कि पीडीएस दुकानदार समय पर अनाज का वितरण कर रहे हैं या नहीं और दुकानदारों की मनमानी पर भी रोक लगेगी. दरअसल सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कार्यकुशलता में सुधार और लाभार्थियों तक इसकी पहुंच बढ़ाना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है. स्मार्ट पीडीएस सार्वजनिक वितरण प्रणाली में तकनीक के माध्यम से आधुनिकीकरण और सुधार की योजना है. इससे अधिकारियों को भी वास्तविक समय में खाद्यान्न की आवाजाही पर नजर रखने की सुविधा मिलेगी. झारखंड में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े 2.63 करोड़ लाभुक हैं.
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