: हेसाग में हुई कृषि विभाग की खरीफ-2025 विषय पर कार्यशाला वरीय संवाददाता, रांची बिरसा कृषि विवि के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि कृषि विभाग का डाटा काफी कमजोर है. जरूरत का डाटा नहीं मिल पाता है. डाटा मजबूत करें और इसे वेबसाइट पर भी रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर लोग इसका उपयोग कर सकें. कुलपति सोमवार को पशुपालन विभाग के हेसाग स्थित सभागार में कृषि विभाग द्वारा आयोजित खरीफ-2025 कार्यशाला में बोल रहे थे. डॉ दुबे ने कहा कि डाटा में ईमानदारी बरतनी चाहिये, इसी से योजना बनती है. इस बार के खरीफ मौसम में अधिक बारिश से खेती प्रभावित हुई है. इससे खेतों में खरपतवार की समस्या होगी, जिससे निबटना होगा. ज्यादा बारिश होने से फसलों में बीमारी भी बहुत लगती है. इसके लिये रणनीति बनानी होगी. जरूरी कीटनाशक और खाद का उपयोग करना होगा. सरकार को तकनीकी संस्थानों का बेहतर उपयोग करना चाहिये. ज्यादा बारिश से प्रभावित हुई खेती के लिए एडवाइजरी जारी कृषि निदेशक भोर सिंह यादव ने कहा कि राज्य में करीब 95 फीसदी बीज का वितरण हो गया है. 20 फीसदी से अधिक खेतों में धान रोपा भी हो गया है. उम्मीद है यह और तेजी से बढ़ेगा. ज्यादा बारिश को लेकर, जो खेती प्रभावित हुई है, उसके लिये भारत सरकार की संस्था ने एडवाइजरी जारी कर दी है. विभाग खर्च का साप्ताहिक समीक्षा करेगा. इससे वर्ष के अंत में खर्च को लेकर होनेवाली परेशानी दूर हो सकेगी. उद्यान निदेशक माधवी मिश्रा ने कहा कि बागवानी फसलों को बढ़ावा देने की जरूरत है. पशुपालन निदेशक आदित्य कुमार आनंद ने कहा कि खेती-बारी में क्लाइमेट चेंज का असर दिख रहा है. खेती-बारी ज्यादातर मौसम आधारित हो गयी है. राज्य में खेतीबारी की संभावना बहुत है. निबंधक सहकारिता शशि रंजन ने कहा कि सरकार लैंपस-पैक्स को मजबूत कर रही है. यह कृषि का महत्वपूर्ण अंग है. अभी राज्य में जरूरत के हिसाब जितने गोदाम होने चाहिये, उस हिसाब से मात्र 17 फीसदी ही गोदाम हैं. इस कारण धान खरीद के समय सरकार को अनाज रखने में परेशानी होती है. कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में बीएयू के वैज्ञानिकों ने विचार रखे. कार्यशाला में सभी जिलों के कृषि, उद्यान व भूमि संरक्षण पदाधिकारी मौजूद थे. कृषि मंत्री नहीं हुईं शामिल विभागीय मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की अपने क्षेत्र में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण वह कार्यशाला में उपस्थित नहीं हो सकीं. वहीं विभागीय सचिव अबु बक्कर सिद्दीख मुख्य सचिव की बैठक में उपस्थित रहने के कारण कार्यशाला में शामिल नहीं हुए. उन्होंने पशुपालन निदेशालय में विभागीय निदेशकों के साथ बैठक की.
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