रांची. अखड़ा संस्था द्वारा दो जून से चार जुलाई तक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए सिनेमा की जानकारी देने को लेकिर इंटर्नशिप का आयोजन किया गया. एक महीने तक चले इस कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को भारतीय सिनेमा और विश्व सिनेमा के विभिन्न आयामों की जानकारी दी गयी. कैमरा संचालन, एडिटिंग तथा फिल्म निर्देशन की प्रक्रिया को समझाया गया. इस इंटर्नशिप सत्र का संचालन डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता मेघनाथ और बीजू टोप्पो ने किया. इसमें संत जेवियर कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के बरुज आबिद और श्रेयसी शाही, एमिटी यूनिवर्सिटी से आनंद गौरव और हर्षित झा, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद से खुशी प्रेरणा तिग्गा तथा दो अन्य छात्र रवि मुंडू और प्रशांत टुडू शामिल हुए. समापन अवसर पर विद्यार्थियों को इंडिया सेलुलॉइड चैप्टर के चेयरपर्सन अमिताभ घोष व सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मास कम्युनिकेशन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सुदर्शन यादव ने इंटर्नशिप सर्टिफिकेट प्रदान किया. कार्यक्रम में गुंजल ईकिर मुंडा, सेराल मुर्मू, रूपेश कुमार साहू तथा किरण उपस्थित थे. मौके पर अखड़ा संस्था के मेघनाथ ने कहा कि बच्चों को फिल्म की बारीकियों से अवगत कराना जरूरी है, ताकि वे भविष्य में सिनेमा की संवेदनशीलता को समझ सकें. उन्होंने कहा कि फिल्म को सामाजिक बदलाव का माध्यम माना जाना चाहिए. भारत में कई फिल्मकार हैं जिन्होंने अपने कैमरे को सामाजिक परिवर्तन के औजार के रूप में अपनाया है. बीजू टोप्पो ने कहा कि उन्होंने आदिवासी समाज की संस्कृति को डॉक्यूमेंट करने के लिए कैमरा उठाया. हम चाहते हैं कि बच्चे अपने समुदायों में जाकर अच्छी बातों को दर्ज करें.
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