ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण एक अशुभ घटना!
जाहिर सी बात है कि हिंदू धर्म में ग्रहण का अत्यधिक महत्व है. ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ घटना माना जाता है, जबकि विज्ञान इसे एक अद्भुत खगोलीय घटना के रूप में देखता है. 21 सितंबर को लगने वाला साल का यह दूसरा सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि 2025 के एक दिन पहले प्रारंभ होगा. हालांकि सूर्य ग्रहण का असर केवल उन्हीं क्षेत्रों में पड़ता है, जहां ग्रहण दिखाई देता है.
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झारखंड में सूर्य ग्रहण दिखेगा या नहीं ?
2025 का यह दूसरा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. अगर ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, तो इसका असर झारखंड में भी नहीं होगा. भारत में ग्रहण दिखाई न देने के कारण हिंदू धर्म में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इस कारण झारखंड वासियों को ग्रहण को लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है. यह ग्रहण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकेगा.
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