आदिवासी हित में नहीं हो रहा काम
भाजपा द्वारा बैठक का बहिष्कार करने पर बाबूलाल मरांडी ने बताया कि पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत राज्यपाल को अधिकार है कि वह टीएसी के सदस्यों की नियुक्ति करें. लेकिन, वर्तमान में राज्य सरकार ने गलत तरीके से उन्हें दरकिनार कर दिया है. इसके अलावा राज्य सरकार आदिवासियों के हित में काम नहीं कर रही है. इस स्थिति में इन बैठकों का हिस्सा बनने का कोई औचित्य नहीं है. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि बालू घाटों का अधिकार ग्राम सभा को मिलना चाहिये. लेकिन राज्य सरकार यहां भी अपने करीबियों को टेंडर देने का खेल खेलने वाली है. राज्य में फिर एक बार गलत ढंग से शराब नीति बनायी गयी है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे बैठक की अध्यक्षता
टीएसी की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होगी. बता दें कि विधायक संजीव सरदार, सोनाराम सिंकू, स्टीफन मरांडी, लुईस मरांडी, राजेश कच्छप, जिगा सुसारन होरो, सुदीप गुड़िया, आलोक सोरेन, जगत मांझी, नमन विक्सल कोनगाड़ी, रामचंद्र सिंह, राम सूर्या मुंडा और दशरथ गगराई ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य हैं. इसके अलावा भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी और चंपाई सोरेन टीएसी के सदस्य हैं. काउंसिल में मनोनीत सदस्यों के रूप जोसाई मार्डी और नारायण उरांव शामिल हैं.
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