रांची. राज्य में कक्षा बढ़ने के साथ बच्चों का ड्रॉप आउट रेट बढ़ जाता है. पांचवीं कक्षा तक नामांकन लेने के बाद 4.9 फीसदी बच्चे स्कूल छोड़ देते हैं, वहीं 12वीं कक्षा तक पहुुंचने पर यह संख्या 10.3 फीसदी तक पहुंच जाती है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी ‘यू डायस’ की रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों का ओवर ऑल ड्रॉप आउट रेट 4.9 फीसदी है. वहीं, पांचवीं कक्षा तक में छात्रों का ड्रॉप आउट रेट 5.3 और छात्राओं का 4.6 फीसदी है. छठी से आठवीं कक्षा तक में स्कूल छोड़नेवाले बच्चों की संख्या बढ़ जाती है. राज्य में छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों का ड्रॉप आउट रेट बढ़ कर नौ फीसदी हो जाता है. इनमें छात्रों का ड्रॉप आउट रेट 9.4 व छात्राओं का ड्रॉप आउट रेट 8.6 फीसदी है. इसके बाद स्कूल छोड़नेवाले बच्चों की संख्या 10 फीसदी से अधिक हो जाती है. रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा नौवीं से 12वीं तक ड्रॉप आउट रेट 10.3 फीसदी हो जाता है. कक्षा नौवीं से 12वीं तक ऑवर ऑल ड्रॉप आउट रेट 10.3 फीसदी है.
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