: रांची विवि में भारतीय ज्ञान परंपरा पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन रांची . रांची विवि में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को समापन हो गया. आर्यभट्ट सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में यूजीसी से आये मास्टर ट्रेनर डॉ कुशाग्र राजेंद्र ने कहा कि हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा बहुत ही वैज्ञानिक है. हमारा भारतीय दर्शन कहता है कि प्रकृति सभी से बराबरी का व्यवहार करती है. हमें अपनी खोयी हुई ज्ञान परंपरा को सिर्फ याद नहीं करना है, बल्कि हर क्षेत्र में आत्मसात भी करना है. डॉ भरत दास ने कहा कि योग जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. डॉ विनायक भट्ट ने कहा कि अगर हम प्रकृति की सेवा करेंगे, तभी प्रकृति भी हमें कुछ देती है. हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा में देवता भी वास्तव में प्रकृति के ही अलग-अलग प्रतीक हैं. सीयूजे डीन प्रो मनोज कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये और स्लाइड शो के माध्यम से बिरसा की भूमि झारखंड का उल्लेख करते हुए यहां के ज्ञान परंपरा को समझाया. कार्यशाला का संचालन डॉ स्मृति सिंह ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मानविकी डीन प्रो अर्चना दुबे ने किया. इस अवसर पर शैक्षणिक आधार को मजबूत करने के उद्देश्य से योग पर संवादात्मक सत्र का आयोजन भी किया गया.
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