
वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने जेपीएससी सिविल जज जूनियर डिवीजन के प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में एससी कोटि के अभ्यर्थी को असफल घोषित करने को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस एसएस रामचंद्र राव की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए जेपीएससी को प्रार्थी का रिजल्ट आरक्षित कोटि में जारी करने का निर्देश दिया. जेपीएससी ने परीक्षार्थी को सामान्य श्रेणी में लाकर संविधान के आरक्षण के प्रावधानों को दरकिनार किया है. प्रार्थी को उसके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है. खंडपीठ ने कहा कि समाज के वर्गों में असमानता की रक्षा के लिए जो संविधान में प्रावधान है, उसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है. इससे पहले प्रार्थी की आर से अधिवक्ता वंदना सिंह व राजेश कुमार ने खंडपीठ को बताया था कि प्रार्थी दीपक कुमार ने सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रतियोगिता परीक्षा में एससी कोटि के आरक्षण का दावा करते हुए आवेदन किया था. आवेदन में उन्होंने अपनी कोटि का उल्लेख किया था, लेकिन हॉरिजॉन्टल या वर्टिकल आरक्षण के कॉलम में नहीं लिख दिया था. प्रार्थी ने पीटी में एससी कोटि में कट ऑफ मार्क्स 32 से अधिक 36 अंक प्राप्त किया था. इसके बावजूद जेपीएससी ने उसका रिजल्ट जारी नहीं किया.
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