रांची. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) में जिलावार जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं की अनिवार्यता पर सवाल उठाये हैं. जिला के आधार पर भाषा के निर्धारण में हुई गलतियों की ओर सरकार का ध्यान खींचा है. श्री किशोर ने पलामू और गढ़वा जिले के लिए तय की गयी भाषा को लेकर सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. उन्होंने पलामू और गढ़वा जिले के लिए भोजपुरी को शामिल करने की मांग रखी है. उन्होंने कहा कि पलामू और गढ़वा जिले की जनजातीय भाषा के रूप में कुडुख और क्षेत्रीय भाषा के लिए नागपुरी तय करना सही नहीं है. नियमावली में सुधार होना चाहिए.
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