Table of Contents
- Tiger Safari: पलामू टाइगर रिजर्व में अभी हैं 5 बाघ
- 150 हेक्टेयर भूमि में बनेगा टाइगर सफारी
- टाइगर सफारी की लागत करीब 250 करोड़ रुपए होगी
- 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पलामू बाघ अभयारण्य
- टाइगर रिजर्व के लिए पुटूगढ़ क्षेत्र में चिह्नित हुई है भूमि
- पर्यटन के जरिये क्षेत्र को मिलेगी आर्थिक मजबूती – जेना
- पर्यटन मंत्री ने एमएस से खेल-पर्यटन विकास पर की चर्चा
Tiger Safari in Jharkhand: झारखंड में बिहार के ‘राजगीर मॉडल’ पर टाइगर सफारी शुरू होगा. झारखंड के पहले टाइगर सफारी की शुरुआत पलामू में होगी. इस टाइगर सफारी की स्थापना के लिए बिहार के ‘राजगीर मॉडल’ को अपनाने का निर्णय लिया है. कभी माओवाद से प्रभावित रहे पलामू क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है.
Tiger Safari: पलामू टाइगर रिजर्व में अभी हैं 5 बाघ
एक अधिकारी ने बताया कि पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में फिलहाल 5 बाघ हैं. उन्होंने कहा कि पलामू बाघ अभयारण्य में टाइगर सफारी विकसित करने के लिए राजगीर मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया गया है. प्रस्ताव को पहले राज्य वन्यजीव बोर्ड मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. इसके बाद इसे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.’
150 हेक्टेयर भूमि में बनेगा टाइगर सफारी
पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर प्रजेश जेना ने बताया कि सफारी के लिए कम से कम 150 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि राजगीर सफारी देश के पहले सफल मॉडलों में एक है. वहां कांच का पुल जैसे कई आकर्षण हैं, जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई और क्षेत्र को सतत आर्थिक विकास का मॉडल मिला. हम उसी मॉडल को अपनाना चाहते हैं.
टाइगर सफारी की लागत करीब 250 करोड़ रुपए होगी
यह प्रस्ताव शनिवार को झारखंड के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार की अध्यक्षता में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक में पेश किया गया. इस परियोजना की लागत करीब 250 करोड़ रुपए आंकी गयी है.
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1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है पलामू बाघ अभयारण्य
पलामू बाघ अभ्यारण्य 1,129 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें से 414.08 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया और 715.85 वर्ग किलोमीटर बफर जोन है. बफर जोन में से 53 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर्यटकों के लिए खुला है.
टाइगर रिजर्व के लिए पुटूगढ़ क्षेत्र में चिह्नित हुई है भूमि
जेना ने बताया कि सफारी के लिए भूमि की पहचान रिजर्व के पुटूगढ़ क्षेत्र में की गयी है. यह परियोजना सभी मानकों के पालन के साथ स्थापित की जायेगी. उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र वर्षों से नक्सल प्रभावित और पिछड़ा रहा है, जहां रोजगार के अवसर नगण्य रहे हैं.
पर्यटन के जरिये क्षेत्र को मिलेगी आर्थिक मजबूती – जेना
डिप्टी डायरेक्टर जेना ने कहा कि यह टाइगर सफारी केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि पर्यटन के जरिये क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का जरिया बनेगी. राज्य सरकार ने 400 साल पुराने पलामू किले के पुनरोद्धार और पलामू के पास स्थित कमलदीह झील के सौंदर्यीकरण के लिए एक अलग प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्णय लिया है, ताकि क्षेत्र का समग्र विकास किया जा सके.
पर्यटन मंत्री ने एमएस से खेल-पर्यटन विकास पर की चर्चा
पर्यटन, कला, संस्कृति और खेल राज्य मंत्री सुदिव्य कुमार ने शनिवार को पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मुलाकात की और राज्य में खेल व पर्यटन विकास को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘धोनी जी का अनुभव झारखंड में खेल और पर्यटन को नयी दिशा और ऊंचाइयों तक ले जा सकता है. राज्य सरकार को पूर्ण विश्वास है कि वह सहयोग करेंगे.’
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