Uttarakashi Tunnel Collapse: झारखंड के सभी मजदूर सुरक्षित,उत्तराखंड में परिजनों को सुविधाएं दे रही हेमंत सरकार
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में झारखंड के 15 श्रमिक फंसे हुए हैं. इनमें से गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन एवं पश्चिमी सिंहभूम के सात श्रमिक की पुष्टि हुई है.
By Guru Swarup Mishra | November 25, 2023 9:19 PM
रांची: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनलमें फंसे झारखंड के श्रमिकों का हाल जानने गए उनके परिजनों को हर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. आपको बता दें कि टनल में फंसे श्रमिकों का हाल जानने उनके परिजन उत्तराखंड पहुंचे हैं. इसकी जानकारी जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हुई तो उन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. टनल में फंसे झारखंड के सभी 15 श्रमिक सुरक्षित हैं. रांची, गिरिडीह, खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम के श्रमिकों के परिजनों से इन जिलों के उपायुक्तों की बातचीत हो रही है.
टनल में फंसे हैं झारखंड के 15 श्रमिक
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में झारखंड के 15 श्रमिक फंसे हुए हैं. इनमें से गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन एवं पश्चिमी सिंहभूम के सात श्रमिक की पुष्टि हुई है. संबंधित जिले के उपायुक्त लगातार श्रमिकों के परिजनों से बातचीत कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. इसके अतिरिक्त प्रवासी नियंत्रण कक्ष भी टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों से लगातार संपर्क में है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद श्रमिकों के परिवार के सभी सदस्यों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था कर दी गई है. इसके अतिरिक्त, श्रमिकों और परिवारों को जैकेट, टोपी और कंबल वितरित किए गए हैं. मालूम हो कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद 14 नवंबर को टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति से अवगत होने एवं उन्हें सहायता पहुंचाने जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा को उत्तराखंड भेजा गया था. टीम नौ दिनों तक घटनास्थल पर उपस्थित रही. झारखंड में उनके आवश्यक कार्यों को देखते हुए उनके स्थान पर राकेश प्रसाद, संयुक्त श्रमायुक्त सह अपर निबंधक एवं धनंजय कुमार सिंह, संयुक्त श्रमायुक्त को भेजा गया है, जो घटनास्थल पर मौजूद हैं.