रांची़ हटिया डैम के गेट नहीं खुलने से खतरा अब भी बरकरार है. पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से अलर्ट जारी करने के तीसरे दिन भी गेट नहीं खुल पाया. इसको लेकर कोलकाता से बेयरिंग शाफ्ट मंगाया गया है. लेकिन, जब हटिया डैम में सिर्फ तीन फीट पानी था, तब गेट खोलने का ट्रायल करा कर मरम्मत का काम करनेवाली डालटनगंज की कंपनी को टेंडर लागत की लगभग 70 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया.
मंगल सूर्या कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से करायी गयी थी डैम के फाटक की मरम्मत
गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग की ओर से हटिया डैम के गेट की मरम्मत का काम मंगल सूर्या कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से दो वर्ष पहले 98 लाख की लागत से करायी गयी थी. अब तक कंपनी को इस एवज में 65 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इस संबंध में पूछे जाने पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता आलोक भारती ने बताया कि एग्रीमेंट के अनुसार अभी कंपनी का काम पूरा नहीं हुआ है. इसलिए लगभग 30 प्रतिशत राशि को रोक कर रखा गया है. उन्होंने बताया कि दो वर्ष पहले जब गेट की मरम्मत का काम हुआ था, तब गेट खोलने का ट्रायल किया गया था. उस वक्त डैम में तीन फीट पानी था. छह इंच तक गेट खोल कर टेस्टिंग की गयी थी. इसके बाद दो वर्षों तक कभी गेट खोलने की जरूरत नहीं पड़ी. खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से मंगलवार को गेट खोलने को कहा गया, लेकिन जैसे ही गेट खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी, बेयरिंग शाफ्ट टूट गया. वहीं, दूसरी तरफ पेयजल विभाग हटिया योजना के कार्यपालक अभियंता आनंद सिंह ने बताया कि अब तक कंपनी को विभाग की ओर से एनओसी प्रदान नहीं किया गया है.
डैम में पानी को फुल लोड होने की वजह से टूटा बेयरिंग शाफ्ट
इस संबंध में जब एजेंसी के प्रतिनिधि जयशंकर सिंह से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि मरम्मत पूरा होने के बाद गेट खोलने का ट्रायल किया गया था. उस वक्त डैम में सिर्फ तीन पानी था. गेट भी खुला. अब डैम फुल लोड में है. इसकी वजह से गेट खोलने के क्रम में बेयरिंग शाफ्ट टूट गया. अब तक भुगतान की गयी राशि के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कंपनी के मालिक से बात कर जानकारी दी जायेगी. जब दोबारा फोन किया गया, तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया.
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