रांची. डीएवी गांधीनगर में योग कक्षा का संचालन स्वामी मुक्तरथ के मार्गदर्शन में हुआ. प्राचार्य प्रदीप झा ने बच्चों को योग के समग्र रूपों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह विद्या पूरी तरह से वैज्ञानिक है, जो मनुष्य के चित्त की गंदगी को हटाता है. योग शरीर और मन दोनों को तनावरहित कर ध्यान के लिए मस्तिष्क को तैयार करता है. स्वामी मुक्तरथ ने योग के कई पहलुओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मानव मस्तिष्क की संरचना और मस्तिष्क में सुषुप्त केंद्रों को जागृत करने के उपाय पर योग साधनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मस्तिष्क के दोनों गोलार्द्ध का समान रूप से विकास नहीं हो पाता है. किसी में दाहिना मस्तिष्क तो किसी में बायां मस्तिष्क असंतुलित रूप से क्रियाशील रहता है. जिस व्यक्ति का समुचित रूप से मस्तिष्क के दोनों हिस्से विकसित होते हैं उसमें मेधा शक्ति, बौद्धिक शक्ति, आत्मिक शक्ति सभी तेज होते हैं. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम है एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य यानी समस्त जीवों के स्वास्थ्य प्रबंधन का ख्याल हमें रखना है.
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