तालझारी. तालझारी प्रखंड परिसर में स्थित पशु चिकित्सालय केंद्र बेहद जर्जर स्थिति में है और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बना हुआ है. भवन की छत से लोहे की सरिया (रॉड) दिखने लगी है और आए दिन छत का प्लास्टर टूटकर गिरता है, जिससे वहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. दवा स्टोर रूम की स्थिति इतनी खराब है कि कर्मचारी डर-डर कर दवाइयां निकालते हैं. बदलते मौसम में पशुओं में बीमारियों की वृद्धि से पशुपालकों की आवाजाही चिकित्सालय में बढ़ गयी है, जिससे भवन की खराब स्थिति और भी चिंताजनक हो गयी है. तीन दिनों की बारिश के कारण छत से पानी रिसने लगा है, जिससे कई दवाइयां भीग गयीं और उनके खराब होने का खतरा बढ़ गया. केंद्र के कर्मचारी अशोक पोद्दार ने बताया कि इस बदहाली की जानकारी पूर्व चिकित्सा प्रभारी के माध्यम से बीडीओ और जिले के वरीय पदाधिकारियों तक दी गयी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रखंड अंतर्गत दो पशु चिकित्सालय हैं. एक महाराजपुर कल्याणी पंचायत भवन के पास और दूसरा तालझारी प्रखंड परिसर में. तालझारी केंद्र में मात्र तीन कर्मचारी कार्यरत हैं. एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी, एक रात्रि प्रहरी और एक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी. इन सीमित संसाधनों के बावजूद प्रतिदिन लगभग 20–25 पशुपालक यहां पहुंचते हैं, लेकिन भवन की जर्जर हालत के कारण कर्मचारियों को कार्य करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय कर्मियों और पशुपालकों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द जर्जर भवन की मरम्मत कराए ताकि लोगों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और सेवाएं बेहतर ढंग से दी जा सकें. क्या कहते हैं पदाधिकारी : प्रभारी पशु चिकित्सा पदाधिकारी उमेश कुमार ने बताया कि पशु चिकित्सालय केंद्र काफी जर्जर है. मरम्मत की जरूरत है. भवन जर्जर होने के कारण छत से बारिश की पानी रिसता रहता है, जिससे दवाई खराब होने की संभावना बनी रहती है. क्या कहते हैं कर्मी : अशोक पोद्दार ने बताया कि पशु चिकित्सालय केंद्र काफी जर्जर अवस्था में है. छत का प्लास्टर टूट कर गिरते रहता है. दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है.
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