संयुक्त बिहार के समय 1983 से हो रही है कोटालपोखर को प्रखंड बनाने की मांग, 42 वर्षों बाद भी मांग पर नहीं लगी मुहर

संयुक्त बिहार के समय 1983 से हो रही है कोटालपोखर को प्रखंड बनाने की मांग, 42 वर्षों बाद भी मांग पर नहीं लगी मुहर

By ABDHESH SINGH | June 18, 2025 8:51 PM
feature

बरहरवा. संयुक्त बिहार में 1983 से बरहरवा प्रखंड क्षेत्र की 10 पंचायतों को अलग कर कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल का दर्जा देने की मांग की जा रही है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 42 वर्ष पुरानी मांग आज तक पूरी नहीं हो पायी है. 2000 में बिहार से झारखंड जब अलग हुआ तो यहां के स्थानीय लोगों को एक बार उम्मीद जगी कि अब उनका कोटालपोखर प्रखंड बन जाएगा लेकिन बिहार से झारखंड अलग हुए भी 25 वर्ष हो गए लेकिन लोगों की उम्मीद अब भी बरकरार है. विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की सरकार आयी और गयी लेकिन अब तक कोटालपोखर को निराशा ही हाथ लगी. इस बरसों पुरानी मांग कि अगर हम बात करें तो 6 अक्टूबर 1994 संयुक्त बिहार के समय ही साहिबगंज जिले के कोटालपोखर, मंडरो और उधवा को प्रखंड सह अंचल का दर्जा देने के लिए बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने शिलान्यास की तिथि भी घोषित कर दी थी लेकिन राजनीतिक उठापटक के कारण कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल बनाने की मांग को तत्काल स्थगित करते हुए मंडरो एवं उधवा का शिलान्यास कर दिया गया और कोटालपोखर की यह मांग ठंडे बस्ते में डाल दी गयी. उसके बाद कोटालपोखर के तत्कालीन मुखिया और कोटालपोखर प्रखंड बनाओ संघर्ष समिति के तत्कालीन अध्यक्ष भगवती प्रसाद साह ने पुन: आवाज उठायी और उसके बाद 2 अगस्त 1996 को बिहार सरकार को फिर से प्रस्ताव भेजा प्रस्ताव भेजने के बाद सरकार ने ग्रामीण विकास विभाग से इसे संचिका आगे बढ़ाई लेकिन यह संचिका कुछ दिन बाद फिर अधर में लटक गई और धीरे-धीरे यह मामला पुराना होता गया. लेकिन संघर्ष समिति ने अपना आवाज उठाना बंद नहीं किया. लगातार बिहार सरकार से पत्राचार होता रहा. बिहार से झारखंड जब अलग हुआ तो वर्ष 2008 में बरहरवा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से उपायुक्त को कोटालपोखर को प्रखंड बनाने की मांग की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गयी. उस वक्त झारखंड के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन थे, जिनकी इच्छा थी कि कोटालपोखर प्रखंड बने, क्योंकि कार्यकर्ताओं ने उनके चुनावी दौरे में उनसे मांग की थी. जिसके बाद कोटालपोखर को प्रखंड बनाने की संचिका आगे बढ़ी. संचिका कैबिनेट से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद वित्त विभाग में गया लेकिन उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी तमाड़ विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद 18 जनवरी 2009 में इस्तीफा देने के बाद चली गयी और उसके बाद यह मांग फिर से ठंडे बस्ते में चली गयी. ग्रामीण विकास विभाग के पत्रांक 5162 दिनांक 30 अगस्त 2013 को साहिबगंज उपायुक्त से कोटालपोखर को प्रखंड बनाने की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श कर एक रिपोर्ट मांगा. यहां से पंचायत समिति, जिला परिषद से इसे पास करने के बाद उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग को भेज दिया. 13 मार्च 2014 को राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम के निदेशक ने भी बरहरवा बीडीओ से रिपोर्ट की मांग की थी. यहां से भी रिपोर्ट भेजी गई. इन सारी प्रक्रिया एवं रिपोर्ट भेजने के बाद भी कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल का दर्जा अब तक प्राप्त नहीं हुआ, जिससे यहां के लोगों में काफी मायूसी है. भौगोलिक रूप से भी बरहरवा से अलग होता है कोटालपोखर बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के कोटालपोखर, श्रीकुंड पलासबोना, मयूरकोला, बडा सोनाकड़, पथरिया बिनोदपुर, आगलोई, मधुवापाडा, दरियापुर पंचायत को मिलाकर कोटालपोखर को प्रखंड का दर्जा आसानी से दिया जा सकता है. जिसकी आबादी लगभग 80,000 से ऊपर है. बरहरवा प्रखंड को भौगोलिक रूप से गुमानी नदी कोटालपोखर प्रखंड को अलग करती है. क्योंकि हरिहरा पंचायत मुख्य मार्ग होते हुए गुमानी बैरेज चौक के पास स्थित पुल सीमावर्ती क्षेत्र है. क्योंकि पुल के एक तरफ बरहरवा थाना क्षेत्र तो पुल के दूसरी तरफ कोटालपोखर थाना क्षेत्र आता है. कोटालपोखर थाना क्षेत्र में जितने भी गांव हैं, वे सभी कोटालपोखर प्रखंड के अधीन आएंगे. यह प्रस्ताव पूर्व में तैयार किया गया था. वहीं, कुछ पंचायत बरहरवा थाना क्षेत्र के इलाको को भी कोटालपोखर प्रखंड बनाने की रिपोर्ट में शामिल किया गया था लेकिन यह सारी रिपोर्ट फाइलों के अंदर दबकर रह गया है. कोटालपोखर में पूर्व से रेलवे स्टेशन, पुलिस स्टेशन, राष्ट्रीयकृत बैंक, पोस्ट ऑफिस, यातायात के साधन, संचार के साधन, भूमि की उपलब्धता और सभी पंचायत से अच्छी कनेक्टिविटी मौजूद है. कोटालपोखर को प्रखंड का सह अंचल बनाने को लेकर पंचायत समिति की आपात बैठक आज बरहरवा. प्रखंड की 25 पंचायतों में से 10 पंचायतों को अलग करके कोटालपोखर को प्रखंड सह अंचल बनाने मांग पर पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक निसात आलम के पहल पर साहिबगंज डीसी के निर्देश पर बरहरवा प्रखंड विकास पदाधिकारी सन्नी कुमार दास ने गुरुवार को प्रखंड परिसर में पंचायत समिति सदस्यों की एक आपात बैठक बुलाई है. उक्त बैठक में कोटालपोखर को नये प्रखंड बनाने हेतु प्रस्ताव पारित किया जाएगा. ये जानकारी बरहरवा प्रखंड के उप प्रमुख अब्दुल कादिर ने बताया कि सभी पंचायत समिति सदस्यों को सूचित कर दिया गया है. बैठक पूर्वाह्न 11 से प्रखंड सभागार कार्यालय में आयोजित होगी.

संबंधित खबर और खबरें

यहां साहिबगंज न्यूज़ (Sahibganj News) , साहिबगंज हिंदी समाचार (Sahibganj News in Hindi), ताज़ा साहिबगंज समाचार (Latest Sahibganj Samachar), साहिबगंज पॉलिटिक्स न्यूज़ (Sahibganj Politics News), साहिबगंज एजुकेशन न्यूज़ (Sahibganj Education News), साहिबगंज मौसम न्यूज़ (Sahibganj Weather News) और साहिबगंज क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version