तीनपहाड़. आजकल लोग पशुपालन कर अपनी जीविका का स्रोत बढ़ा रहे हैं. लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं. इसके अलावा सरकार पशुपालक को पशुपालन के लिए ऋण उपलब्ध करा रही है. लेकिन इन्हीं पशुओं के बीमार होने पर इसके इलाज के लिए लोगों को भटकना पड़ता है. स्थानीय कुछ जानकार पशु चिकित्सकों से जानवरों का इलाज कराया जाता है. पशु चिकित्सालय में कोई डाॅक्टर स्थायी रूप से नहीं है. साथ ही लोगों को पैसा अधिक खर्च भी होता है. यही हाल है राजमहल प्रखंड के तीनपहाड़ प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय का. जिला प्रशासन के रजिस्टर में तीनपहाड़ में एक पशु चिकित्सालय तो है लेकिन इलाज के नाम पर कुछ नहीं है. चूंकि इस पशु अस्पताल में न डाॅक्टर है और न ही कोई कर्मी. लोग अपने पशु का इलाज स्थानीय डॉक्टरों से कराते हैं. तीनपहाड़ प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय के सभी पद पिछले 2022 से खाली पड़े हैं. यहां सरकार द्वारा कोई स्थायी डाॅक्टर या कर्मी को तैनात नहीं किया गया है, जिससे लोगों को परेशानी होती है. कहने काे तो इस पशु अस्पताल में तीन पद सृजित हैंं, जिसमें एक डॉक्टर, एक नाइट गार्ड और एक चपरासी का पद है लेकिन सब का सब खाली है. इस पशु चिकित्सालय में एक डॉक्टर को प्रतिनियुक्त किया गया है, जो तालझारी में कार्यरत है. वह सप्ताह में एक दिन शुक्रवार को यहां आते हैं. इसके अलावा चपरासी के पद पर भी एक को प्रतिनियुक्त किया गया है, जो कि बरहरवा में कार्यरत है. लेकिन ज्यादातर इनको जिला के काम के लिए साहिबगंज भेज दिया जाता है. साथ ही यहां नाइट गार्ड का पद तो है, पर यह खाली पड़ा हुआ है. ऐसे में इस पशु चिकित्सालय में पशुओं का इलाज कैसे और कौन करेगा? इसके अलावा इस पशु अस्पताल में न ही पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की. इसके अलावा पशुओं को वैक्सीन लगाने की जगह खंडहर हो गया है. इस पशु अस्पताल के भरोसे लगभग 12 पंचायत के लगभग 50 हजार पशु हैं. लेकिन चिकित्सक के बिना सब बेहाल है. ऐसा लगता है कि इस पशु अस्पताल को पशु के इलाज की जगह इस अस्पताल की इलाज की जरूरत है.
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