पतना. गंगा में नाव पलटने व कोई लोगों के डूबने की खबर मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया. सभी अपने परिचितों का हाल-चाल जानने में जुट गये. नाव में झूमरबाद व महकूब गांव के करीब 17 लोग सवार थे, जो चूहा पकड़ने के लिये शुक्रवार की रात करीब 8-9 बजे अपने गांव से निकले थे तथा बरहरवा रेलवे स्टेशन से ट्रेन से रात को ही महाराजपुर स्टेशन पहुंचे थे. और, रात्रि विश्राम के बाद सुबह नाव पकड़कर दियारा की ओर जाने लगे. उधर, जैसे-जैसे गंगा में डूबे लोगों की पहचान हुई उनके घर का माहौल गमगीन हो गया. राजू मुर्मू का शव मिलने की सूचना पर उसकी पत्नी बदहवास होकर रोने-बिलखने लगी और कहने लगी कि अब तीन बेटियों का भरण-पोषण कौन करेगा. राजू मुर्मू महकुब निवासी सुंदर मुर्मू का पुत्र है, जिसकी तीन पुत्रियां है. घर का वह एकमात्र कमाने वाला था. नाव हादसे में झूमरबाद निवासी शाम बास्की (25), कहां हांसदा (39) व कृष्ण सोरेन (29) भी लापता है. शाम बास्की तालझारी के बैजनाथपुर निवासी हैं, जो अपने ससुराल झुमरबाद में रहता है. उसकी दो बेटियां और एक बेटा है. वहीं, कहां हांसदा झूमरबाद निवासी जीवन हांसदा का पुत्र है. कहां की भी दो बेटियां व दो बेटे हैं. परिजन के अनुसार, कहां पहली बार चूहा पकड़ने दियारा गया था. लापता तीसरा युवक कृष्ण सोरेन शिवापहाड़ निवासी है जो शादी के बाद अपने ससुराल झूमर बाद में ही रहता था, उसका शव शनिवार की शाम गंगा नदी से बरामद किया गया. इधर, राजू मुर्मू का शव संध्या में गांव पहुंचते ही परिजनों की चीख-पुकार मच गयी और माहौल गमगीन हो गया. उसकी पत्नी, परिवार के सदस्य व आस-पड़ोस के लोगों के आंसू थम नहीं रहे थे.
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