बरहेट. जिले में विगत तीन-चार दिनों में हुई झमाझम बारिश से ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी है. खेतों में चहल-पहल काफी बढ़ गयी है. जिले के बरहेट, तालझारी, बोरियो, राजमहल, बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के कुछ किसानों की मानें तो धान का बिचड़ा अभी भी छोटा है और लगभग एक सप्ताह के अंदर तैयार हो जायेगा. जिसके बाद वे लोग भी धान की रोपाई शुरू कर देंगे. बरहेट प्रखंड में पिछले तीन-चार दिनों से हो रही बारिश और नहर में पानी जमा होने से किसानों ने रोपाई शुरू कर दी है. इससे पहले किसान डीजल पंपसेट से खेतों की सिंचाई कर रहे थे, जो बेहद खर्चीली है. लेकिन, बारिश होने से उन्हें काफी राहत मिली है. बरहेट प्रखंड में 3000 से अधिक छोटे-बड़े किसान हैं और, इस वर्ष लगभग 4900 हेक्टेयर भूमि पर धान के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. किसान राजकुमार, प्रेम, गोपाल, संतोष, भोला, संजय ने बताया कि पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली धान की फसल पूर्ण रूप से वर्षा पर ही निर्भर है. 200 से 350 रुपये है दिहाड़ी मजदूरी किसानों ने बताया कि रोपाई के लिये शुरुआत में मजदूर तो मिल रहे हैं, लेकिन आठ-दस दिनों के पश्चात मजदूर मिलने में मुश्किल हो सकती है. मजदूरों ने इस बार दिहाड़ी भी बढ़ा रखी है. 200 से 350 रुपये प्रति मजदूर की मजदूरी है. वहीं, खेतों में ट्रैक्टर के द्वारा जुताई 1200 से 1400 रुपये प्रति घंटे की दर से लिया जा रहा है. इससे किसानों को जेब काफी ढीली करनी पड़ रही है.
संबंधित खबर
और खबरें