ललमटिया-फरक्का एमजीआर रेल लाइन दुर्घटना में करोड़ों का नुकसान, कोयला ढुलाई ठप प्रतिनिधि, बरहेट: ललमटिया-फरक्का एमजीआर रेल लाइन पर मंगलवार की अहले सुबह दो कोयला लोड मालगाड़ियों की आमने-सामने की टक्कर में तीन रेल इंजन, सात बोगियां और रेल पटरी क्षतिग्रस्त हो गयीं. इस दुर्घटना में दो लोको पायलट जिंदा जलकर मौत के शिकार हो गये, जबकि एक लोको पायलट और पांच मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गये. इस हादसे से एनटीपीसी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है और कोयला ढुलाई पूरी तरह से ठप हो गयी है. एनटीपीसी ने सीआईएसएफ और साहिबगंज पुलिस की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. स्थानीय लोगों के अनुसार, बरहेट सोनाजोड़ी लूप लाइन में एक मालगाड़ी पहले से खड़ी थी, तभी ललमटिया से फरक्का जा रही कोयला लदी दूसरी मालगाड़ी गलती से लूप लाइन में प्रवेश कर गयी. मालगाड़ी की गति काफी तेज थी, जिससे ड्राइवर को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला और वह सामने खड़ी मालगाड़ी से सीधी टकरा गयी. टक्कर इतनी भीषण थी कि, कुछ ही मिनटों में आग से धधक उठा डीजल इंजन टक्कर इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में डीजल इंजन में आग लग गयी और दोनों लोको पायलट जिंदा जल गये. वहीं, दूसरी मालगाड़ी के लोको पायलट और एनटीपीसी के पांच मजदूर घायल हो गए. घटना की सूचना मिलते ही बरहरवा एसडीपीओ नितिन खंडेलवाल, बरहेट थाना प्रभारी पवन कुमार, एनटीपीसी के अधिकारी और सीआईएसएफ जवान मौके पर पहुंचे. काफी मशक्कत के बाद सभी घायलों को बाहर निकाला गया और उन्हें बरहेट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल लोको पायलट जेके नाथ को बेहतर इलाज के लिए कोलकाता रेफर कर दिया. दुर्घटना में उनका दाहिना हाथ टूट गया है और गंभीर चोटें आई हैं. इस दुर्घटना के कारण रेल की पटरियां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयीं. साहिबगंज से बुलायी गयी अग्निशमन की गाड़ियां एनटीपीसी की कोयला लोड मालगाड़ी में लगी आग पर काबू पाने के लिए साहिबगंज से अग्निशमन विभाग की गाड़ियां बुलानी पड़ीं. इस दौरान बरहेट पुलिस ने भी राहत कार्य में पूरा सहयोग दिया. पुलिस जवानों ने घायलों को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने से बच गयी. एनटीपीसी की मालगाड़ी पहले भी हो चुकी है दुर्घटनाग्रस्त ललमटिया-फरक्का एमजीआर रेल लाइन पर हर दिन कोयला लोड मालगाड़ी का संचालन होता है. एनटीपीसी ने इस मार्ग के मेंटेनेंस के लिए कुछ कर्मियों की तैनाती की है, लेकिन सूचना तंत्र की विफलता और लापरवाही के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं. इससे पहले भी बरहेट के बरमसिया और बोरियो में एमजीआर रेल लाइन पर मालगाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं. हालांकि, उन घटनाओं में सिर्फ कोयला लदी बोगियां क्षतिग्रस्त हुई थीं और कोई हताहत नहीं हुआ था. लेकिन इस बार दो लोको पायलटों की जान चली गयी, जिससे स्थानीय लोग आक्रोशित हैं. घटनास्थल पर पहुंचे लोगों ने एनटीपीसी प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि रेलवे ट्रैक की नियमित मरम्मत और मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ. घायलों को ले जाने के लिए नहीं थी एंबुलेंस, मोटरसाइकिल से पहुंचाया अस्पताल बरहेट सोनाजोड़ी में एनटीपीसी ने एक क्रॉसिंग स्टेशन बनाया है, जहां से कोयला लोड और खाली मालगाड़ियों की निगरानी होती है. लेकिन यहां ना कोई सुरक्षा व्यवस्था है और ना ही कोई एंबुलेंस उपलब्ध थी. दुर्घटना के बाद साहिबगंज पुलिस और स्थानीय लोगों ने घायलों को मोटरसाइकिल से अस्पताल पहुंचाया. इस लापरवाही से स्थानीय लोगों में भारी रोष है और उन्होंने एनटीपीसी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. पुराने सूचना तंत्र से हो रहा है एनटीपीसी के मालगाड़ी का संचालन एनटीपीसी के एक लोको पायलट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फरक्का-ललमटिया एमजीआर रेलवे ट्रैक पर कंट्रोलर की भारी कमी है. बरहेट स्थित सब स्टेशन केबिन और बोरियो स्थित पथरा सब स्टेशन केबिन में 60 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मियों को कंट्रोलर के रूप में तैनात किया गया है, जिनसे आठ घंटे की जगह 20-22 घंटे तक काम लिया जा रहा है. कई बार कंट्रोलर थकावट और नींद के कारण गलत सूचना साझा कर देते हैं, जिससे इस तरह की दुर्घटनाएं होती हैं. इससे पहले बरहेट और बोरियो में भी छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं, लेकिन एनटीपीसी के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे. क्या कहते हैं अधिकारी हम पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं और मामले की जांच जारी है. अनम बुखारी, पीआरओ, एनटीपीसी, फरक्का एनटीपीसी के अधिकारियों ने लिया जायजा दुर्घटना के बाद एनटीपीसी फरक्का के एचआर आलोक कुमार रणबीर घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच की. उन्होंने बताया कि फिलहाल कोयला ढुलाई पूरी तरह से ठप है और घटना के कारण एनटीपीसी को बड़ा नुकसान हुआ है. रेलवे और झारखंड पुलिस के सहयोग से राहत और बचाव कार्य जारी है. मामले की गहराई से जांच के बाद ही दुर्घटना के असली कारणों का पता चल पाएगा.
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