Video: लद्दाख में शहीद झारखंड के बेटे का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा देख रो पड़ा पूरा गांव, ऐसे दी अंतिम विदाई
Kishore Bara: लद्दाख के लेह में शहीद झारखंड के बेटे किशोर बाड़ा का पार्थिव शरीर रविवार को तिरंगे में लिपटा पैतृक गांव नानेसेरा तुरतुरी पानी पहुंचा. शव पहुंचते ही पूरा गांव रो पड़ा. गांववालों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.
By Guru Swarup Mishra | March 23, 2025 7:50 PM
Kishore Bara: सिमडेगा, रविकांत साहू-लद्दाख के लेह में आर्मी 699 टाट्रा बटालियन में हवलदार के पद पर पदस्थापित झारखंड के सिमडेगा जिले के लाल किशोर बाड़ा का पार्थिव शरीर रविवार को तिरंगे में लिपटा पैतृक गांव नानेसेरा तुरतुरी पानी पहुंचा. शव पहुंचते ही पत्नी, तीन बेटियां समेत पूरा गांव रो पड़ा. हर किसी की आंखें नम थीं. विधायक भूषण बाड़ा, उपायुक्त अजय कुमार सिंह, एसपी सौरभ कुमार, जिला परिषद सदस्य जोसिमा खाखा, रांची मिलिट्री स्टेशन के जवान सहित कई लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. विधायक ने शहीद के शव को कंधा भी दिया. मिट्टी देकर अंतिम विदाई दी.
बेकार नहीं जाएगी शहादत-भूषण बाड़ा
विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि शहीद किशोर बाड़ा की शहादत बेकार नहीं जाएगी. वे शहीद जवान के परिजनों के साथ हैं. शहीद के परिजनों को शहर में जमीन दिलायी जाएगी. उनके परिजनों को अनुकंपा पर नौकरी दिलाने के साथ-साथ अन्य सभी लाभ दिलाने में सहयोग किया जाएगा. विधायक ने शहीद जवान की विधवा पत्नी एवं तीनों बेटियों को ढाढ़स बंधाया. मौके पर बीडीओ समीर रौनियार खलखो, थाना प्रभारी अजीत लकड़ा, पंचायत सदस्य समिति प्रतिमा कुजूर, पंचायत अध्यक्ष निलेश एक्का आदि उपस्थित थे.
जिला प्रशासन शहीद के परिजनों के साथ: उपायुक्त
मौके पर उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन शहीद किशोर बाड़ा के परिजनों के साथ खड़ा है. प्रशासन द्वारा परिजनों का हर संभव मदद किया जायेगा.
शहादत याद रखी जायेगी: एसपी
एसपी सौरभ कुमार ने कहा कि शहीद किशोर की शहादत हमेशा याद रखी जाएगी. उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी. पुलिस प्रशासन शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है.
कैसे हुआ हादसा?
सिमडेगा जिले के तुरतुरी पानी निवासी जवान किशोर बाड़ा लेह में आर्मी के 699 टाट्रा बटालियन में हवलदार के पद पर पदस्थापित थे. 20 मार्च को लेह में जवान किशोर अपने बटालियन के साथ वाहन से कहीं जा रहे थे. इसी दौरान बर्फ का पहाड़ उनके वाहन पर गिर गया. इसी हादसे में जवान किशोर शहीद हो गये.
घर के इकलौता बेटे थे शहीद किशोर बाड़ा
शहीद किशोर बाड़ा घर के इकलौते बेटे थे. उनके कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेवारी थी. उनकी पत्नी शाशिता बाड़ा रांची में नर्स हैं. शहीद की तीन बेटियां हैं. सभी पढ़ाई करती हैं. शहीद किशोर भी पांच भाई-बहनों में इकलौते भाई थे. बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. बहनों ने कठिनाईयों से उनको पढ़ाया-लिखाया और आर्मी की नौकरी तक पहुंचने में काफी मेहनत की थी.
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