बानो. झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2025 में खूंटी जिले में मुंडारी भाषा को जनजातीय भाषा के रूप में दर्जा नहीं दिया गया है. इसको लेकर तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया ने शिक्षा विभाग के सचिव से मुलाकात कर मुंडारी भाषा को पुनः मुंडारी भाषा को परीक्षा में रखने की मांग की. झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2025 का ड्राॅफ्ट जारी किया गया है, जिसमें खूंटी जिले के लिए जनजातीय भाषा के रूप में खड़िया व कुड़ुख भाषा का विकल्प दिया गया है. विधायक ने सचिव को अवगत कराते हुए कहा कि खूंटी जिला मुंडा बहुल क्षेत्र है. यहां की जनजातीय भाषा मुंडारी है. मुंडारी भाषा को खूंटी से हटाने से भगवान बिरसा मुंडा, मरांग गोमके जयपाल मुंडा समेत अन्य आंदोलनकारियों का अपमान होगा.
संबंधित खबर
और खबरें