ठेठईटांगर. ठेठईटांगर. प्रखंड के छुरिया धाम में सावन माह के दौरान जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल छुरिया जतराटोंगरी पहाड़ी पर बसा है और आस्था व श्रद्धा का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. छुरिया धाम तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं. पहला रास्ता ठेठईटांगर प्रखंड मुख्यालय से सलगापोछ मार्ग होते हुए कुसुमबेड़ा, अंवराबहार और जलकीटोली से गुजर कर छुरिया गांव तक जाता है, जिसकी कुल दूरी लगभग 13 किमी है. दूसरा रास्ता मुख्य ठेठईटांगर-सलगापोछ मार्ग से होकर करीब 18 किमी लंबा है. गांव से पहाड़ी की चोटी पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को करीब डेढ़ किमी पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है. छुरिया धाम में अर्द्धनारीश्वर शिव मंदिर, शेषनाग और भगवान गणेश की स्वयंभू शिलाएं स्थापित हैं. यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, जो श्रद्धा के साथ सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. विशेषकर महाशिवरात्रि और सावन पूर्णिमा पर यहां विविध धार्मिक अनुष्ठान, कीर्तन, भजन व भंडारा का आयोजन किया जाता है. झारखंड के अलावा ओड़िशा, छत्तीसगढ़, बिहार समेत अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु छुरिया धाम पहुंचते हैं. सावन में जहां भक्त पूजा-पाठ करते हैं, वहीं पहाड़ी के नीचे बहती नदी और घने जंगल के किनारे बैठक कर पिकनिक का आनंद लेते हैं. हालांकि यह स्थल आस्था व पर्यटन दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, फिर भी यह अब तक बुनियादी सुविधाओं के विकास से वंचित है. अभी तक श्रद्धालुओं के लिए न तो पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था है और न ही बैठने या विश्राम की सुविधाएं. पहाड़ी चढ़ाई के लिए सांसद मद से पीसीसी पथ का निर्माण जरूर कराया गया है, पर समुचित विकास की दरकार अब भी बनी हुई है.
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