सिमडेगा. शहर के हनुमान वाटिका स्थित शिव शक्ति मंदिर में कलश यात्रा के साथ पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह शुरू हुआ. रविवार की सुबह देवराहा बाबा आश्रम से कलश यात्रा निकाली गयी, जिसमें 1100 महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया. कलश यात्रा में देवराहा बाबा आश्रम से निकल कर प्रिंस चौक, झूलन सिंह चौक, महावीर चौक होते हुए नीचे बाजार पेट्रोल पंप तक गयी. वहां से पुनः वापस होते हुए सदर थाना स्थित नवनिर्मित शिव शक्ति मंदिर पहुंची, जहां विधिवत रूप से कलशों की स्थापना की गयी. कलश यात्रा में शामिल महिलाएं ने सिर पर कलश लेकर जय श्रीराम और हर हर महादेव के जयकारे लगा रही थीं, जिससे पूरा शहर भक्तिमय हो गया. स्थानीय लोगों ने जगह-जगह जलपान और पुष्प वर्षा से श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया. समारोह की शुरुआत परम पूज्य संत रामरेखा बाबा अखंड दास जी महाराज के सान्निध्य में की गयी, जिनकी मौजूदगी से आयोजन का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में इस तरह के आयोजन से सनातन सभ्यता व संस्कृति को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है. उन्होंने जन कल्याण के लिए सभी लोगों को आशीर्वाद दिया. संपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान मुख्य पुरोहित आचार्य विद्याबंधु शास्त्री व उनके सहयोगी पुरोहित संजय पाठक, मनोज षाड़ंगी, मनोज पाठक, विजय बीसी, अग्निवेश चौबे, अरविंद शास्त्री द्वारा कराया गया. यजमान की भूमिका मुकेश श्रीवास्तव व रामनिवास प्रसाद सपत्निक ने निभायी. कलश स्थापना के बाद मंदिर के गुंबद पर कुंभ भराई पूजा व शिखर कलश की स्थापना की गयी, जिसमें यजमानों ने विधिवत पूजन संपन्न की गयी. कार्यक्रम में उपायुक्त कंचन सिंह व पुलिस अधीक्षक मोहम्मद अर्शी भी शामिल हुए. उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेकर धार्मिक एकता व सौहार्द का संदेश दिया. इधर, विहिप जिलाध्यक्ष कौशल राज सिंह देव बताया कि धार्मिक अनुष्ठान लगातार पांच दिनों तक चलेगा. दो जून को दीप प्रज्वलन और मंडप प्रवेश होगा. तीन जून को दैनिक पूजन तथा अधिवास होंगे. इस दिन सुबह आठ बजे से रुद्र यज्ञ होगा. चार जून को अधिवास और रुद्र यज्ञ प्रातः आठ बजे से होगा. जबकि पांच जून को नगर में रथ यात्रा निकाली जायेगी. इसके बाद शिव परिवार की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. दोपहर दो बजे से महा भंडारा का आयोजन होगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे. यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक समरसता व आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बन गया है. सिमडेगा वासियों के लिए यह अवसर गर्व और आस्था का संगम बन कर आया है. मौके पर हजारों की संख्या में सनातनी महिला व पुरुषों की भागीदारी रही. शिव शक्ति मंदिर सिमडेगा में स्फटिक शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा ने पूरे क्षेत्र में विशेष आकर्षण व श्रद्धा का वातावरण बना दिया है. स्फटिक से निर्मित यह शिवलिंग अपनी पारदर्शिता, दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर समिति के अनुसार स्फटिक शिवलिंग की स्थापना से नकारात्मक ऊर्जा का नाश और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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