
चक्रधरपुर.चक्रधरपुर भारत भवन स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर तुलसी भवन में श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ छत्रपति शिवाजी की जयंती समारोह पूर्वक मनायी गयी. कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या भारती के प्रमुख गुड़िया पाल, रोजी षाड़ंगी, श्रृष्टि कुमारी, सपना मुंडारी ने किया. माल्यार्पण प्रधानाचार्य रमेश ठाकुर और पुष्प अर्पण वरिष्ठ आचार्य विपिन कुमार मिश्रा ने किया. इस दौरान रोजी षाड़ंगी, सपना मुंडारी और मानसी कुमारी ने भाषण के माध्यम से शिवाजी की जीवनी पर प्रकाश डाला. कक्षा प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सप्तम के विद्यार्थियों ने गीत और नृत्य प्रस्तुत किये. आचार्य विपिन ने कहा कि शिवाजी ने न केवल मराठा साम्राज्य की नींव रखी, बल्कि अपने अद्वितीय साहस और नेतृत्व से इतिहास में अमिट छाप छोड़ दी है. उनकी वीरता और रणनीति कुशलता आज भी लोगों के हृदय में विद्यमान है.
शिवाजी की गाथाएं आज भी प्रेरणास्रोत : रमेश
प्रधानाचार्य रमेश ठाकुर ने कहा कि शिवाजी महाराज ने अपनी नीतिगत दृष्टिकोण से भारतीय इतिहास को एक नयी दिशा दी है. उन्होंने भारतीय भूमि को विदेशी आक्रांताओं से बचाने के लिये कई युद्धों में विजय प्राप्त करने में सफलता हासिल की. उनकी गाथाएं आज भी प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने प्रभावी गुरिल्ला युद्ध नीति अपनायी, जिससे मुगलों और अन्य शक्तियों से मुकाबला करना आसान साबित हुआ. मंच का संचालन टुकटुक में पाल और अंजलि विश्वकर्मा द्वारा किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है