महिला एवं बाल विकास विभाग को राज्य के वित्त विभाग से आठवीं किस्त के लिए 3490 करोड़ रुपये का फंड मिल चुका है। इसके बाद, फरवरी की किस्त जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. दो दिन पहले ही लाडली बहनों को फरवरी की किस्त मिलने की उम्मीद थी, लेकिन तकनीकी कारणों से ऐसा नहीं हो सका. अब राज्य सरकार ने सभी पात्र लाभार्थियों के खातों में पैसे ट्रांसफर करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
योजना में लाभार्थियों की संख्या में गिरावट
मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना के तहत नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है, जिसके कारण लाभार्थियों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर 2023 में इस योजना का लाभ 2 करोड़ 46 लाख महिलाओं को मिला था, जबकि जनवरी में यह संख्या घटकर 2 करोड़ 41 लाख रह गई. फरवरी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाभार्थियों की समीक्षा की, जिसके बाद यह संख्या 4 लाख और घट गई है. अब फरवरी की किस्त केवल 2 करोड़ 37 लाख महिलाओं को ही मिलने की संभावना है.
किसे मिल रहा सबसे ज्यादा लाभ?
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लाडली बहना योजना से सबसे अधिक विवाहित महिलाओं को लाभ मिल रहा है. 83 प्रतिशत लाभार्थी विवाहित महिलाएं हैं, जबकि अविवाहित महिलाओं की संख्या 11.8 प्रतिशत है। विधवाओं की संख्या 4.7 प्रतिशत है, और तलाकशुदा, परित्यक्त और निराश्रित महिलाओं की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है. तलाकशुदा महिलाओं की संख्या 0.3 प्रतिशत, परित्यक्त महिलाओं की संख्या 0.2 प्रतिशत, और निराश्रित महिलाओं की संख्या 0.1 प्रतिशत है.
आयु वर्ग का विवरण
लाडली बहिण योजना से सबसे अधिक लाभ 30-39 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को मिल रहा है, जो कुल लाभार्थियों का 29 प्रतिशत हैं. इसके बाद 21 से 29 वर्ष की महिलाओं की संख्या 25.5 प्रतिशत है, जबकि 40 से 49 वर्ष की महिलाओं का हिस्सा 23.6 प्रतिशत है। 60 से 65 वर्ष की महिलाओं की संख्या केवल 5 प्रतिशत रह गई है.
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