राजस्थान में राजनीतिक नियुक्ति को लेकर दिल्ली से जयपुर तक हलचल तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि इस हफ्ते प्रदेश कांग्रेस कमिटी हाईकमान को लिस्ट भेज देगी, जिसके बाद हाईकमान की ओर से इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. राज्य में पिछले ढाई साल से निगम और बोर्ड में नियुक्ति अटकी हुई है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान सरकार कैबिनेट विस्तार से पहले राजनीतिक नियुक्ति करने के मूड में है. इसपर दिल्ली से लेकर जयपुर तक मंथन जारी है. बताया जा रहा है कि पार्टी ने ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर अलग-अलग सूची बनाई है, जिसके आधार पर राजनीतिक नियुक्ति होना है.
चुनाव लड़ चुके नेता होंगे बाहर – कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में राजनीतिक नियुक्ति में इस बार कार्यकर्ताओं को भरपूर जगह मिलेगी. साथ ही जो नेता राज्य में लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, उन्हें निगम-बोर्ड में जगह नहीं मिलेगी. माना जा रहा है कि इस फॉर्मूले को लागू होने से कई नेता अब राजनीतिक नियुक्ति के रेस से बाहर हो जाएंगे.
सबको संतुष्ट करने की चुनौती– बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार के सामने राजनीतिक नियुक्ति के साथ ही सबको संतुष्ट करने की चुनौती भी है. एक ओर जहां हाईकमान राज्य में सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगी. वहीं दूसरी ओर चुनाव हार चुके दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी, धीरज गुर्जर और गिरिजा व्यास जैसे नेताओं को संतुष्ट करने की चुनौती भी होगी.
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Posted By: Avinish kumar mishra