वहीं, कासले के बाद एक और छात्र ने भी आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि यह भी नीट की तैयारी कर रहा था. पुलिस का कहना है कि कासले की खुदकुशी करने के कुछ घंटे बाद नीट की ही तैयारी कर रहे एक अन्य छात्र ने कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र स्थित अपने किराये के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस का कहना है कि मृतक छात्र की बहन और चचेरे भाई जब मकान में पहुंचे तो उन्होंने उसके कमरे को अंदर से बंद पाया. उन्होंने जब कमरा खोला तो आदर्श को छत से फंदे से लटका हुआ पाया. वहीं, बताया जा रहा है कि जब उसे फंदे से नीचे उतारा गया तो उसकी सांसे चल रही थी, आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.
कोटा के ASP भगवत सिंह हिंगड़ ने दो छात्रों के आत्महत्या मामले में कहा है कि एक छात्र NEET की तैयारी कर रहा था. आज उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हिंगड़ ने कहा कि आज उसकी परीक्षा थी और उसकी बहन का कहना है कि उसके नंबर कम आ रहे थे. जिसके कारण संभावना है कि उसने खुदकुशी कर ली. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी एक और आत्महत्या के मामले की सूचना मिली थी. इस छात्र की भी परीक्षा थी. टेस्ट देने के बाद उसने बिल्डिंग की छठी मंजिल से छलांग लगा दी. सुसाइड नोट अभी तक बरामद नहीं हुआ है, हम दोनों मामलों की जांच कर रहे हैं.
तीन साल से नीट की तैयारी कर रहा था कासले
वहीं, इस मामले में सीओ धर्मवीर सिंह ने कहा है कि महाराष्ट्र के लातूर जिले का रहने वाला और 12वीं कक्षा का छात्र कासले तीन साल से शहर में नीट की तैयारी कर रहा था. उन्होंने कहा कि वो अपने नाना-नानी के साथ तलवंडी इलाके में एक किराये के कमरे में रह रहा था. कासले के माता-पिता महाराष्ट्र में सरकारी स्कूल के शिक्षक हैं. वहीं पुलिस ने कहा है कि बिहार के रोहतास का रहने वाला आदर्श पिछले एक साल से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था और वह एक किराये के फ्लैट में अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ रहता था. गौरतलब है कि प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां कोचिंग लेने वाले किसी छात्र के आत्महत्या करने का इस साल यह 22वां मामला है.
पुलिस को अभी तक वहीं मिला सुसाइड नोट
वहीं, दोनों छात्रों के कमरे से पुलिस को अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. कोटा पुलिस ने कहा है कि घटना को लेकर वो जांच कर रही है. लेकिन दोनों छात्रों के कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. वहीं, पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही उनके परिजनों और अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है. हालांकि अभी तक पुलिस को आत्महत्या का कोई ठोस कारण नहीं मिला है.
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कोटा के छात्रावासों की बालकनी में लगाए गए जाल
इधर, कोटा में बढ़ रही आत्महत्या को देखते हुए छात्रावास की बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए जा रहे हैं. छात्रावास मालिकों ने बताया कि वे इस तरह की दुखद घटनाओं से बचने के लिए अपने परिसर को आत्महत्या रोधी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक इस साल कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली जो कि अब तक किसी भी वर्ष में हुई सर्वाधिक घटनाएं हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 15 था.
भाषा इनपुट से साभार