UP Politics: ओबीसी वोट को अपने खेमे में साधने की कोशिश में सपा, भाजपा और बसपा, ट्वीटर पर जारी है संग्राम

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के तंज के साथ शुरू हुई राजनीतिक द्वंद्व को भाजपा और बसपा दोनों दलों से प्रतिक्रिया मिल रही है. मजेदार तथ्य यह है कि नेताओं के बीच हो रहे इस ट्वीटर वॉर का आनंद सोशल मीडिया में अजब-अजब तरीके से लिया जा रहा है. यूजर्स इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच मीम्स की बारिश कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2022 12:00 PM
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UP Political News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में ओबीसी वर्ग को लेकर एक बड़ी सियासी हलचल देखी जा रही है. बड़ी बात यह है कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के तंज के साथ शुरू हुई राजनीतिक द्वंद्व को भाजपा और बसपा दोनों दलों से प्रतिक्रिया मिल रही है. मजेदार तथ्य यह है कि नेताओं के बीच हो रहे इस ट्वीटर वॉर का आनंद सोशल मीडिया में अजब-अजब तरीके से लिया जा रहा है. यूजर्स इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच मीम्स की बारिश कर रहे हैं.

तंज से शुरू हुआ राजनीतिक द्वंद्व

हुआ यूं कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर एक तंज कसने के साथ शुरू हुआ था. उन्होंने अपने ट्वीटर के आधिकारिक अकाउंट से डिप्टी सीएम मौर्य पर कटाक्ष करते हुए लिखा, ‘तुम इतना जो मुस्करा रहे हो, क्या ग़म है जिसको छिपा रहे हो…’ दोनों ने शनिवार को एक-दूसरे पर निशाना साधा है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक बार फिर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने केशव प्रसाद मौर्य की फोटो के साथ एक ट्वीट किया है. केशव प्रसाद मौर्य की इस तस्वीर में वो मुस्कुरा रहे हैं. अखिलेश यादव ने लिखा है कि आप इतना जो मुस्कुरा रहे हो, आपके मंत्रालय में बजट की कटौती हो गयी. आपके मंत्रालय के विभागों में पैसा नहीं पहुंचा. टेंडर न हो पाया. क्या ये सब राज छिपा रहे हो. आप इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इसका जवाब दिया. उन्होंने लिखा, ‘सत्ता के लिए बेचैन श्री अखिलेश यादव की पार्टी सपा का लोकसभा चुनाव 2024 में खाता भी नहीं खुलेगा. यूपी और देश में मोदी लहर पहले से तेज है.’

भाजपा पर लगा दिया आरोप…

दरअसल, मौर्य यूपी में बीजेपी का सबसे प्रमुख ओबीसी चेहरा हैं. बीजेपी आगामी चुनाव के माहौल को देखते हुए ओबीसी वर्ग को अपने खेमे में करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. इससे उलट सपा पूरी कोशिश कर रही है कि भाजपा उसके ओबीसी वोट बैंक में सेंध न लगा सके. यही वजह है कि 2017 से यह दावा किया जा रहा है कि तत्कालीन यूपी बीजेपी प्रमुख केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे. साथ ही, सपा की सोशल मीडिया सेना इस बात के सबूत भी गिना रही है कि बीजेपी ने ओबीसी को लाइन में खड़ा किया था.


‘बजट घटा दिया गया…’

योगी 2.0 में मौर्य के फिर से डिप्टी सीएम बनने के बावजूद, एसपी ने यह कहना जारी रखा है कि उन्हें सीएम नहीं बनाया गया क्योंकि वह ओबीसी थे और अभी भी आदित्यनाथ की सरकार में साइड लाइन में हैं. यही कारण है कि मौर्य को 100 भाजपा विधायकों के साथ सपा में शामिल होने और मुख्यमंत्री बनने के लिए राजनीतिक रूप से भरी हुई पेशकश करने के कुछ ही दिनों बाद, यादव ने मौर्य पर फिर से निशाना साधा है. इसीलिए योगी आदित्यनाथ सरकार में सबकुछ ठीक नहीं होने का संकेत देते हुए यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दावा किया कि उनके ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट घटा दिया गया है. जो केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में आता है.

पहले भी कर चुके हैं प्रहार

इससे पहले भी सपा मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सौ विधायकों के साथ सपा में शामिल होने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद देने की पेशकश की थी. अखिलेश यादव की इस पेशकश पर केशव प्रसाद मौर्य ने कटाक्ष किया कि जिस तरह पानी से निकलने के बाद मछली तड़पती है, उसी तरह अखिलेश यादव सत्ता के बिना तड़प रहे हैं. इतना ही नहीं मौर्य ने कहा था कि समाजवादी पार्टी अब समाप्तवादी पार्टी हो गई है और उनके सौ विधायक खुद ही भाजपा में आने को तैयार हैं.

अचानक आ गईं बसपा चीफ मायावती

बीजेपी प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने भी यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘बजट, भ्रष्टाचार में डूबे लोगों के लिए ये सभी चीजें ज्यादा मायने रखती हैं. केपी मौर्य जैसे कर्मयोगी के लिए नहीं. उनकी मुस्कान इसलिए है क्योंकि मोदी के तहत देश के गरीब मुस्कुरा रहे हैं.’ वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने ‘बचकाना’ बयान देने के लिए समाजवादी पार्टी के अपने समकक्ष पर निशाना साधा और मुख्य विपक्षी दल पर भाजपा के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाया. इसके जवाब में सपा प्रमुख ने बसपा को भाजपा का ‘लाउडस्पीकर’ बताते हुए पलटवार कर दिया.

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