बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ मामले की जांच कर रही एक उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख ,उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस प्रमुख सुलखान सिंह ने मंदिर के आसपास के इलाकों का दौरा किया. उन्होंने मंदिर के द्वार का भी आकलन किया और यह समझने की कोशिश की कि एक निश्चित समय में कितने लोग उससे प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं.
गौरतलब है कि जन्माष्टमी के दिन तड़के बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ मचने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और सात घायल हो गए थे. घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने दो सदस्यीय समिति गठित की है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ की घटना के बाद भीड़ प्रबंधन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मंदिर समिति के एक पूर्व अध्यक्ष ने किसी खुली जगह में बड़े नये मंदिर का निर्माण कर विग्रह को उसमें स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है.
वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि भविष्य में मंदिर में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को 50 से 100 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करके उस पर मंदिर के धन से ही एक विशाल मंदिर का निर्माण कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंदिर की मूर्तियों को किसी नए स्थान पर प्राण प्रतिष्ठित करने में कोई हर्ज नहीं है.
पुजारियों, माला विक्रेताओं और पार्किंग इत्यादि की व्यवस्था भी नए स्थान पर की जा सकती है. उन्होंने कहा कि एक विकल्प यह भी हो सकता है कि मौजूदा मंदिर का ही पुनरुद्धार किया जाए और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह यहां भी आसपास की दुकानों को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए.
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