चंद्रशेखर के साथ दलितों का एक बड़ा वोट बैंक?
दरअसल, यूपी के विधानसभा चुनाव में ओबीसी और दलित वोट बैंक किसी भी पार्टी का रुख बदलने के लिए काफी है. वहीं चंद्रशेखर आजाद ने लंबे समय से एक दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है. वह समय-समय पर दलितों से जुड़े मुद्दों पर मुखरता के साथ आवाज उठाते रहे हैं. ऐसे में माना जाता है कि चंद्रशेखर के साथ दलितों का एक बड़ा वोट बैंक है.
सपा और बसपा के वोट बैंक पर पड़ेगा असर
इधर, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव प्रदेश की छोटी-छोटी पार्टियों को साथ गठबंधन कर ओबीसी और एससी वर्ग के कई नेताओं को अपने साथ जोड़ चुके हैं. अखिलेश ने एससी वोट बैंक को अपने पाले में लाने के लिए 2021 में ही सियासी दांव खेल दिया था. उस समय सपा में बसपा के दर्जनों दलित नेता शामिल हुए थे. ऐसे में यह कहना मुश्किल हो जाता है कि चंद्रशेखर के सपा में न आने से अखिलेश को कोई बड़ा नुकसान होगा. हालांकि, चंद्रशेखर के अलग होने से सिर्फ सपा को ही बल्कि चुनाव में आजाद पार्टी के आने से बसपा के वोट बैंक पर भी असर पड़ सकता है.
यूपी में किस तारीख से होंगे चुनाव
उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इसके बाद दूसरे चरण के लिए 14 फरवरी, तीसरे 20 फरवरी, चौथे 23 फरवरी, पांचवे 27 फरवरी, छठे 3 मार्च और सातवें चरण के लिए 7 मार्च को वोटिंग होगी. 10 मार्च को मतगणना होगी.