लायन सफारी में बचे हैं अब 17 शेर-शेरनी
शेरनी तेजस्विनी कई दिनों से बीमार चल रही थी. उसे गुजरात के गिर से सितंबर 2019 में इटावा लायन सफारी लाया गया था. उम्मीद थी कि शेरनी यहां का कुनबा बढ़ाएगी. इसके लिये अलग-अलग नर शेरों से तेजस्विनी की मेटिंग करवाई गई थी लेकिन सफारी प्रशासन को सफलता हाथ नहीं लगी. वह किसी शावक को जन्म नहीं दे पाई थी.
कई दिन से बीमार थी, खाना-पीना छूट गया था
सफारी के उपनिदेशक एके सिंह ने बातचीत में बताया कि शेरनी तेजश्वनी की मौत से सभी दुखी हैं. उम्र पूरी होने से उसे बुढ़ापा आ गया था. उसके पिछले हिस्से के ऑर्गन फेल हो गए थे. जिससे उसकी मौत हो गई. कई दिनों से तेजस्विनी ने खान-पीना बंद कर दिया था. कमजोरी के कारण वह चल-फिर भी नहीं पाती थी. इसलिये ज्यादातर वह एक ही जगह बैठी रहती थी. लायन सफारी का स्टाफ उसे वहीं खाना-पानी देता था.
14 साल की उम्र में लायी गई थी इटावा
उपनिदेशक एके सिंह ने बताया कि शेरनी तेजस्विनी जब गुजरात के गिर से इटावा सफारी में लाई गई थी, उस समय उसकी उम्र 14 वर्ष थी. माना जा रहा है कि उम्र के कारण ही तेजस्विनी कभी हीट पर नहीं आई और उसने किसी भी शावक को जन्म नहीं दिया था. तेजस्विनी की मौत के बाद अब सफारी पार्क में 17 बब्बर शेर और शेरनियां बची हैं. जिसमें 8 शेर और 9 शेरनियां हैं. अब इनसे ही लायन सफारी में कुनबा बढ़ने की उम्मीद है.