Gorakhpur News: कृष्ण की भक्ति में रमा गोरखपुर, सड़कों पर दिखा अद्भुत नजारा, जमकर झूमे विदेशी श्रद्धालु
Gorakhpur News: गोरखपुर की सड़कों पर सुबह इन दिनों अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है. सड़कों पर श्रद्धालु हरे कृष्णा हरे राम का महामंत्र का जाप करते हुए दिखाई दे रहे हैं. खास बात यह है कि इन श्रद्धालुओं में भारतीय के साथ अफ्रीका और नाइजीरिया से आए विदेशी श्रद्धालु भी शामिल हो रहे हैं.
By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2023 1:02 PM
Gorakhpur News: गोरखपुर महानगर की सड़कों पर सुबह इन दिनों अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है. सड़कों पर श्रद्धालु हरे कृष्णा हरे राम का महामंत्र का जाप करते हुए दिखाई दे रहे हैं. श्रद्धालु भक्ति में सड़कों पर इतना रम जाते हैं कि ढोल, नगाड़ा और हारमोनियम के साथ सड़कों पर नाचते गाते भक्तिमय माहौल कर देते हैं. खास बात यह है कि इन श्रद्धालुओं में भारतीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ अफ्रीका और नाइजीरिया से आए विदेशी श्रद्धालु भी शामिल हो रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ इस्कॉन अनुयायियों के नेतृत्व में यह टोली रोज सुबह कीर्तन करते हुए यात्रा निकलती है. यह यात्रा गोरखपुर के तारामंडल स्थित इस्कॉन मंदिर से शुरू होकर गोरखपुर महानगर के मुख्य चौराहे जैसे तारामंडल, गोलघर, शास्त्री चौक, काली मंदिर से होकर निकलती है. इसमें महिला, पुरुष, युवक-युवती ढोल नगाड़ा और हारमोनियम के साथ नाचते गाते हरे राम हरे कृष्ण भजन जपते भ्रमण करते हैं.
गोरखपुर के तारामंडल में श्री कृष्ण भक्ति की प्रचार की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इस्कॉन मंदिर है. इस मंदिर की ओर से इस मंदिर की ओर से एक प्रचार केंद्र भी बनाया गया है. संस्था से जुड़े लोग रोज सुबह शहर की सड़कों पर भजन-कीर्तन करते नजर आते हैं. इस्कॉन मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि मंदिर में रोजाना सुबह 5:00 बजे मंगला आरती होती है. इस मंदिर से जुड़े सभी लोग सुबह 4:00 बजे उठकर स्नान कर लेते हैं. इसके बाद सारे लोग मंगला आरती में शामिल होते हैं और उसके बाद हरे कृष्णा हरे राम कीर्तन करते हैं.
इस संस्था से जुड़े लोगों की माने तो श्रीकृष्ण की भक्ति में सारा सुख समाहित है. उन लोगों की माने तो भजन-कीर्तन करने और समाज में दुखी और असहाय लोगों की मदद करते रहिए यही सच्ची भक्ति है. गोरखपुर के तारामंडल स्थित इस्कॉन मंदिर की सेंट्रल इंचार्ज राधा माधव दास ने बताया कि इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद थें. उनका मूल उद्देश्य गीता और श्रीमद्भागवत पुराण के साथ श्री कृष्ण भक्ति का प्रचार पूरे देश दुनिया में करना. आज उनके इस उद्देश्य को विश्व के कई देशों के लाखों श्रद्धालु सफल बनाने के लिए जुटे हुए हैं.