Kanpur: कानपुर उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर समेत चारों आरोपियों को 14 दिन की जेल, अब तक 29 गिरफ्तार

Kanpur Violence: कानपुर उपद्रव में शामिल चारों आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पुलिस को अभी आरोपियों की रिमांड नहीं मिली है. आरोपियों की रिमांड के लिए पुलिस कोर्ट में अपील करेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 5, 2022 4:36 PM
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Kanpur News: कानपुर उपद्रव में शामिल आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. पुलिस को अभी आरोपियों की रिमांड नहीं मिली है. चारों आरोपियों की रिमांड के लिए पुलिस कोर्ट में अपील करेगी.

दरअसल, रविवार यानी आज कोर्ट बंद होने के कारण पुलिस ने चारों आरोपियों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया, जहां पुलिस ने अदालत से 14 दिन की रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस सभी आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट से अपील करेगी.

कानपुर सीपी विजय सिंह मीणा ने बताया कि, चार आरोपी, हयात जाफर हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान मौलाना अली जौहर फैन्स एसोसिएशन से जुड़े हैं. हम आगे अदालत से उन्हें 14 दिन के रिमांड पर भेजने के लिए अपील करेंगे. कानपुर में हुए बवाल के लिए पुलिस ने अब तक कुल 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

कानपुर में 3 जून को दो समुदायों में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी समेत 29 आरोपित गिरफ्तार हो गए है. जबकिं 350 अज्ञात आरोपित बनाये गए है. कानपुर में परेड नई सड़क पर शुक्रवार की दोपहर जुमे की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने को लकेर विवाद हुआ था. विवाद के बाद पथराव, तोड़फोड़ और बमबाजी हुई. जिसमें छह से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

पूरे मामले में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए, जिसमें एक इंस्पेक्टर और दूसरा चौकी इंचार्ज की ओर से दर्ज कराया गया है. वही तीसरा मुकदमा घायल राहगीर ने दर्ज कराया है. दो मुकदमों में नामजद आरोपितों के साथ 350 अज्ञात के नाम शामिल हैं, जबकि एक मुकदमे में 1000 अज्ञात के नाम शामिल है.

दरअसल, भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. प्रवक्ता के बयान के खिलाफ कानपुर में जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद कराने का आह्वाहन किया था, लेकिन कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने अपनी दुकानों को बंद नहीं किया था, जिस पर विशेष वर्ग ने विरोध किया तो झड़प हो गई. बवालियों ने ईंट, पत्थर और बमबाजी की जिसमें 35 लोग घायल हो गए.

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