लखीमपुर खीरी के भगौतीपुर गांव में रहने वाला तीन वर्षीय बच्चा शुक्रवार को अपनी दादी के साथ फुफेरे भाई से मिलने जिला कारागार आया था. जेल के नियमों के मुताबिक जो लोग किसी से मिलने के लिए आते हैं, तो उनके हाथ पर मुहर लगाई जाती है, जिससे बंदियों और उनसे मिलने आए लोगों के बीच में फर्क किया जा सके. वापसी में यही मुहर देखकर बंदी रक्षक मिलने वाले को वापस जाने देते हैं.
जब शुक्रवार को यह बच्चा अपनी दादी के साथ फुफेरे भाई से मिलने जेल के अंदर गया, तो बंदी रक्षकों ने हाथ पर मुहर ना लगाकर मासूम के गाल पर लगा दी. बताया जा रहा है कि इस वजह से मासूम रोने लगा, उसकी दादी ने उसे समझाकर शांत कराया. पोते से मिलने के बाद दादी ने जेल प्रशासन से इसे लेकर नाराजगी जताई और बंदी रक्षकों के व्यवहार की शिकायत की.
बच्चा जब मिलाई करके जेल से बाहर निकला, तो उस समय केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की रिहाई को लेकर मीडिया कर्मी मौके पर मौजूद थे. बच्चे की दादी ने बंदी रक्षकों की हरकत के बारे में उन्हें बताया. इस पर मामला सुर्खियों में आ गया और जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे.
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बाद में जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि हो सकता है मुहर बच्चे के हाथ पर लगाई गई हो और उसने अपना हाथ गाल पर लगा लिया हो, जिससे मुहर उसके गाल पर लग गई हो. मामले में जांच के निर्देश दे दिए गए हैं. जेल अधीक्षक के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में परिवार से घटना को लेकर जानकारी की जाएगी. जांच के दौरान बच्चे के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. अगर कोई जानबूझकर बच्चे को परेशान करने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.