Lucknow News: स्वामी विवेकानंद की जयंती यानी आज का दिन देशभर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. 12 जनवरी, 1984 से स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही सभी युवा साथियों को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं.
'गर्व से कहो- हम हिंदू हैं।'
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 12, 2023
सनातन संस्कृति व भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी, युवाओं के आदर्श, स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
सभी युवा साथियों को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं!
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा, ‘गर्व से कहो- हम हिंदू हैं.’ सनातन संस्कृति व भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी, युवाओं के आदर्श, स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. सभी युवा साथियों को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं..’
सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का परिचय सम्पूर्ण विश्व से कराने वाले सभी युवाओं के प्रेरणास्रोत तथा आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 12, 2023
देश-प्रदेश के समस्त युवाओं को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं। #NationalYouthDay_2023 pic.twitter.com/J976i4wUWO
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा, ‘सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति का परिचय सम्पूर्ण विश्व से कराने वाले सभी युवाओं के प्रेरणास्रोत तथा आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन. देश-प्रदेश के समस्त युवाओं को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं.
स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता (पश्चिम बंगाल) के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था. उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था. बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर उनका झुकाव रहा. वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे, जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवों मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व हैं. रामकृष्ण की मृत्यु के बाद विवेकानन्द ने बड़े पैमाने पर भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा की और ब्रिटिश भारत में तत्कालीन स्थितियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया.
उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा (Parliament of the World’s Religions) में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था. भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द के कारण ही पहुंचा. यहां उनके भाषण देने की योग्यता कर हर कोई दीवाना हो गया. बाद में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है.
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