National Youth Day: आर्गेनिक गुड़ और डिजाइनर बर्तन के कारोबार से बनाई पहचान, बने दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा..

प्रदेश में विभिन्न कारोबार से जुड़े उद्यमी भी युवाओं को कुछ नया करने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह युवा उद्यमी नई सोच के साथ बदलाव ला रहे हैं और अन्य युवाओं के लिए रोजगार पैदा कर रहे हैं, वह एक नये सकारात्मक बदलाव का सूचक है. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इस तरह के प्रयास करने चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | January 12, 2023 11:49 AM
an image

Prayagraj: स्वामी विवेकानंद ने कहा था उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर लेते. ये प्रेरक विचार कई युवाओं की जिंदगी में सुखद बदलाव लाने में सफल हुआ है. प्रदेश के कई युवाओं ने सही मायनों में इसे आत्मसात करन अपनी नई पहचान बनाई है. इन्होंने नौकरी के जरिए सिर्फ अपना भला करने के बजाय नई सोच के साथ ऐसे कारोबार को धरातल पर उतारा, जो आज कई परिवारों की जिंदगी की खुशहाली का कारण बना है. राष्ट्रीय युवा दिवस पर ये युवा दूसरों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनकर सही मायनों में इस दिन को सेलिब्रेट करने के हकदार हैं.

प्रतापगढ़ के दहिलामऊ के हर्षित श्रीवास्तव कुछ समय पहले तक आम युवाओं की तरह थे. लेकिन, अपनी सोच की बदौलत इस युवा की आज अन्य लोग मिसाल दे रहे हैं. हर्षित ने अमेठी रोड पर डंगरी गांव में आर्गेनिक गुड़ का प्लांट लगाया. ग्रेजुएशन तक पढ़ाई के बाद हर्षित ने कोरोना काल में सेहत से जुड़े पोषक पदार्थों के महत्व को समझा. फिर पूरी जानकारी जुटाने के बाद उन्होंने अलग-अलग स्वाद के गुड़ बनाने शुरू किए.

आज उनके प्लांट में तैयार सोंठ गुड़, सादा गुड, इलाइची गुड़, सोंफ गुड़, नारियल गुड़ जैसे 12 से ज्यादा प्रकार के गुड़ की सप्लाई महाराष्ट्र, उत्तराखंड, दिल्ली जैसे कई राज्यों तक होती है. उनके सपनों को पूरा करने में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का बहुत बड़ा सहारा मिला. हर्षित ने लोन लेकर 2021 में प्लांट लगाया और आज वह 24 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं. अप्रत्यक्ष तौर पर भी लोग उनसे जुड़कर आत्मनिर्भर बने हैं.

इसी तर कुछ नया करने की सोच से प्रेरित होकर दहिलामऊ निवासी मुकेश कुमार ने 2021 में सुखपाल नगर में खुद की डिजाइनर बर्तन व कुल्हड़ की फैक्टरी लगाई. गाजियाबाद से बीटेक करने के बाद मुकेश ने वहीं पर डिजाइनर बर्तन बनते हुए देखे और उसकी मार्केट को समझा. इसके बाद प्रयागराज आकर अपनी सोच को हकीकत में शक्ल दी.

मुकेश अब मिट्टी के बर्तन, डिजाइनर कुल्हड़, हांडी, दीपक, पानी की बोतल, कटोरी आदि के निर्माण कारोबार के जरिए अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. फैक्टरी लगाने में मुकेश को अपने पिता का भी पूरा सहयोग मिला. उन्होंने बेटे में कुछ करने का जज्बा देखकर शुरुआती तौर पर आर्थिक मदद भी की. आज यहां पर तैयार होने वाले माल की सप्लाई प्रदेश के कई जनपदों में हो रही है. इनकी बेहद मांग है.

मुकेश की फैक्टरी से 20 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. इसके अलावा जो लोग इस कारोबार के जरिए अलग अलग स्थानों पर उनसे जुड़े हैं, वह भी मुनाफा कमा रहे हैं. इस तरह मुकेश की युवा सोच ने कई जिंदगियों में खुशियां बिखेरने का काम किया है.

प्रदेश में विभिन्न कारोबार से जुड़े उद्यमी भी युवाओं को इस तरह की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि हमारा देश युवाओं का देश कहलाता है. हर साल बड़ी संख्या में युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है. लेकिन उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं. इसी तरह प्राइवेट सेक्टर भी सभी को नौकरी नहीं दे सकता. कोरोना के बाद परिस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं. ऐसे में जिस तरह युवा उद्यमी नई सोच के साथ बदलाव ला रहे हैं और अन्य युवाओं के लिए रोजगार पैदा कर रहे हैं, वह एक नये सकारात्मक बदलाव का सूचक है. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इस तरह के प्रयास करने चाहिए.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version