कौन हैं उमा शंकर पांडेय
उमा शंकर पांडेय (Uma Shankar Pandey Padma Shri 2023) एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. पांडेय (Uma Shankar Pandey Biography) मूलरूप से बांदा जिले के जखनी गांव के रहने वाले हैं. उमाशंकर ने सामुदायिक प्रयास से अपने गांव को जल ग्राम बना दिया है. उमा शंकर का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. युवावस्था में ही उमाशंकर विकलांग हो गए. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 61 वर्षीय उमा शंकर को आज देश में लोग जल योद्धा के नाम से जानते हैं.
सूखे की समस्या से जूझ रहा था जखनी गांव
इस बात से तो सभी वाकिफ होंगे कि बुंदेलखंड के लोग काफी लंबे समय से सूखे की समस्या से जूझ रहे हैं. इस बीच उमा शंकर पांडेय ने जखनी गांव को जल ग्राम बनाने का निर्णय लिया और जल संकट से निपटने के लिए पानी पर काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने पूर्वजों के किए कार्यों और अनुभवों के सहारे दो दशक पहले मेड़बंदी का तरीका अपनाया और उसमें वह सफल हुए.
जखनी गांव को जल ग्राम बनाकर उमा शंकर पूरे देश में मशहूर हो गए. अपने इस प्रयास से उन्होंने 2,000 बीघे में मेड़बंदी की. आज के दौर में जखनी गांव के कुएं और तालाब पानी से भरे हुए हैं. बता दें पीएम मोदी ने उमा पांडेय के इस प्रयास की सरहाना की है.
Also Read: Padma Shri 2023: कौन हैं ‘नक्काशी’ के उस्ताद दिलशाद हुसैन?, जिनके मुरीद हैं PM नरेंद्र मोदी
उमा शंकर पुरस्कार
बता दें जल योद्धा के नाम से मशहूर उमा शंकर पांडेय को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल (Uma Shankar Award) चुके हैं. उमा शंकर, कृषक सम्मान राज्य स्तरीय सम्मान, रजत की बूंदें राष्ट्रीय पुरस्कार, राष्ट्रीय संवैधानिक जल योद्धा सम्मान आदि से सम्मानित हो चुके हैं.