अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारी तेजी से हो रही है. समारोह में शामिल होने के लिए लोगों को निमंत्रण पत्र भी भेजा जा रहा है.
अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तमाम राम भक्तों के बीच भारी उत्साह है. हर कोई अपने-अपने तरीके से इसमें योगदान दे रहा है. कोई पंच धातु से 1100 किलो का दीया बना रहा है, तो कोई 2400 किलो वजन के घंटे की गूंज पूरी अयोध्या को सुनाने की तैयारी में है.
कन्नौज के इत्र कारोबारियों ने रामलला को महकाने के लिए खास सुगंध तैयार की है. यह इत्र सिर्फ रामलला को ही नहीं बल्कि पूरे मंदिर प्रांगण को भी अपनी खुशबू से महकायेगा.
गुलाब के फूलों से निर्मित गुलाब जल से रामलला स्नान करेंगे. उसके बाद मशहूर इत्र अतर मिट्टी, अतर मोतिया, रूह गुलाब, चंदन के तेल और हिना से सुगंधित होंगे. सर्दी को ध्यान में रखते हुए रामलला के लिए अतर शमामा भी बनाया है, जो ठंड से बचाने में मदद करता है. इस खास इत्र को बनाने में जड़ी बूटियों के मिश्रण का भी प्रयोग किया गया है.
एक रथ पर विभिन्न प्रकार के इत्र और सुगंधित जल को नगर भ्रमण के उपरांत प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के लिए बुधवार को रवाना किया गया. इसे 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ मुहूर्त में पूजा के दौरान प्रयोग करने के लिए मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेंट किया जायेगा.
2400 किलो के घंटे की गूंज सुनेगी अयोध्या नगरी : एटा के जलेसरवासियों की तरफ से राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को 2400 किलो का घंटा सौंपा गया. घंटा अष्टधातु का है. दावा किया जा रहा है कि एक ही ढलाई में बने इस घंटे की आवाज दस किलोमीटर तक जायेगी. इसके साथ ही 51 किलो के सात और घंटे भी सौंपे गये हैं.
एक और देशभर में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह देखी जा रही है, तो दूसरी ओर इसपर राजनीति भी जारी है. कांग्रेस ने समारोह का बहिष्कार कर दिया है.
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