Sawan 2022: पहली बार बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे शिवभक्त, श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय

Sawan 2022: शिवभक्त पहली बार बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे. इस अनोखी अद्भुत व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रविवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान ने काशी विश्वनाथ धाम का निरीक्षण करने जलमार्ग से ललिता घाट पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2022 2:24 PM
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Varanasi News: सावन के महीने में पहली बार शिवभक्त गंगा तट से जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ का अभिषेक कर सकेंगे. यह पहला ऐसा मौका होगा जब मोक्षदायिनी मां गंगा के पवित्र गंगाजल को कलश में भरकर भक्त सीधे बाबा विश्वनाथ के धाम में प्रवेश करेंगे. इस अनोखी अद्भुत व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रविवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान ने काशी विश्वनाथ धाम का निरीक्षण करने जलमार्ग से ललिता घाट पहुंचे.

घाट की व्यवस्था को देखते हुए उन्होंने बाबा के धाम में प्रवेश किया. श्रद्धालुओं के आने-जाने के मार्ग और उनकी सुविधाओं के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली. इसके साथ ही निरीक्षण के बाद निर्देश भी दिया. दरअसल, आषाढ़ माह शुरू हो गया है और सावन महीने की तैयारियां होने लगी हैं. महादेव की नगरी काशी में सावन का अपना ही महत्व है. कंधे पर कांवर लिए दूर-दूर से भक्त काशी विश्वनाथ का दर्शन करने और जल चढ़ाने आते हैं.

मंदिर और पुलिस प्रशासन ने शुरू की नई व्यवस्था

इसे देखते हुए पहली बार मंदिर और पुलिस प्रशासन ने एक नई व्यवस्था शुरू की है. सावन के महीने में पहली बार शिवभक्त गंगा तट से जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ का अभिषेक कर सकेंगे. गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध और गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है. जो श्रद्धालु जिस मार्ग से प्रवेश करेगा, दर्शन करने के बाद उसी मार्ग से वापस निकलेगा. इसके साथ ही इस बार धाम में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं.

गंगा जल लेकर कर सकेंगे बाबा विश्वनाथ का अभिषेक

वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि सावन में पहली बार श्रद्धालु गंगा जल लेकर बाबा का अभिषेक कर सकेंगे. अधिकारियों ने मुख्य सचिव को बताया कि सावन के सोमवार पर छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. उसी के अनुसार, तैयारियां की जा रही हैं. मुख्य सचिव डीएस मिश्र ने कहा कि सावन माह में न केवल वाराणसी बल्कि आसपास के जिले और दूरदराज से भी लोग बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित करने आते हैं.

श्रद्धालुओं के लिए अलग मार्ग

ऐसे में आसपास के सभी जिलों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर तैयारी करें. प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग मार्ग तय किए जाएं ताकि उस पर वाहनों का आवागमन न हो सके. कावड़ियों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि जिस-जिस मार्ग से श्रद्धालुओं को आना है उस मार्ग को श्रद्धालुओं के लिए ही तय कर दिया जाएगा.

श्रद्धालुओं के लिए बनाए जाएंगे सहायता केंद्र

इसके अलावा सुविधा केंद्र और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे. पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान ने सावन माह में आने वाली महिला श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए रूटों पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती और उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

सावन कब शुरू हो रहा है

ज्योतिषियों के अनुसार, सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो जाएगा, जोकि 12 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर समाप्त हो रहा है. सावन माह का पहला दिन गुरुवार है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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